Tuesday, February 4, 2014

हकीकत राय

आज  वसंत पंचमी का दिन है ,बही दिन  जब 12 वर्ष के बालक से अंतिम बार पूछा गया " क्या तुम्हें इस्लाम कबूल है " बालक का उत्तर था "नहीं" माँ ने भी समझाया कि बेटा , तुम मेरे एकलौते पुत्र हो , इस्लाम कबूल कर लोगे तो तुम जीवत रहोगे , मरोगे तो नहीं , बालक का उत्त्तर था , अगर मैं मुस्लिम बन जाऊँ तो क्या मौत मुझे नहीं आएगी ? माँ सुन कर निरुत्तर हो गयी , तब जलाद ने अपने गंडासे से उस बालक का सिर धड़ से अलग कर दिया , वह बालक था वीर हकीकत
मुस्लिम सहपाठियों ने जब माँ दुर्गा को अपशब्द कहे तब हकीकत का उत्तर था मेरे लिया माँ दुर्गा और फातिमा में कोई अंतर नहीं है , लेकिन हक़ीक़त को अपने प्राणों से प्रिय धर्म था अपने प्राण दे दिए लेकिन अपना धर्म अपने प्राणो के साथ निभाया l


हकीकत राय नाम का बालक था धर्म परायण और वीर । मुगल का राज़ था । एक मदरसे मे पढता था वह वीर बालक , एक दिन साथ के कुछ मुस्लिम बच्चे उसे चिडाने के लिए हिंदू देवी देवताओ को गाली देने लगे उस सहनशील बालक ने कहा अगर यह सब मैं बीबी फातिमा के लिए कहू तो तुम्हे कैसा लगेगा। इतना सुन कर हल्ला मच गया की हकीकत ने गाली दी , बात बड़ी काजी तक पहुची मौलवी और काज़ी ने इसे इस्लाम का अपमान माना और मौत कि सजा सुनाई लेकिन लाहौर के हाक़िम सफ़ेद खान ने कहा कि अगर हक़ीक़त इस्लाम कबूल करता है तो मैं अपनी बेटी का निकाह हक़ीक़त से करा दूंगा और मौत कि सजा भी नहीं होगी ,
वसंत पंचमी के दिन ही उस वीर हकीक़त राय को कत्ल कर दिया गया । वह शहीद हो गया। उसने बलिदान कर दिया लेकिन धर्म से डिगा नही ।

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