१५ अगस्त २०१४ को
लाल किले से मोदी जी के भाषण पर सभी को
वेसरबी से इंतजार है मोदी क्या संबोधित करने बाले है देश को कोन सी नयी उमीद देने
बाले है इसका इंतजार तो सभी को है |
लोकसभा २०१४ के चुनाव से पहले ही लाल किले से अपने भाषण कि तैयारी में जुटे मोदी
है मोदी इससे भी इंकार नहीं किया जा सकता है | दिल्ली में युवाओं में नयी उम्मीद
जगाने वाले मोदी समय के साथ व्यवस्था को व्यवस्थित करेने में जुटे है उसी के साथ
अपने पडोसी देशो से सम्बन्ध स्थापित करने में भी कार्य कर रहे है |
मोदी जी ने विश्व में भातर के वर्चश्व के लिए
कार्य करना तो प्रारंभ कर दिया ... पडोसियो में भी उम्मीद के साथ डर पैदा किया है
जिसका उदाहरण पाकिस्तान ने जवान को सकुशल बपिसी है | अमेरिका जैसा देश वेशारबी से
भारत के प्रधानमंत्री से मिलने के लिए व्याकुल है | कोई भी संका नहीं है कि मोदी
जी ने भारत कि नईं छाप पडौसी देशो में छोड़ी है मेरी आदरणीय देवी प्रसाद गुप्ता जी
के द्वारा समय समय पर मार्ग दर्शन के रूप में देश समाज व्यक्ति विशेष लोकतंत्र
प्रजातंत्र जैसे मुद्दों पर चर्चा होती है तो एक निष्कर्ष के रूप में एक बात निकल
कर आई मोदी जी ने विश्व में तो पडोसी देशो में कठोरता के साथ आतंकवाद से निपटने
के लिए दवाद तो बनाया है डर भी पैदा किया लेकिन वो डर देश के लुटेरों , अपराधिओं
में क्यू नहीं पैदा करपा रहे है ? २ महीने बीत जाने पर भी देश कि आंतरिक
व्यवस्था में एक ठोस परिवर्तन नहीं नजर आया हां मानते है कि मत्रिओं सांसदों को एक
जनप्रतिनिधि के कार्यों से अबगत कराया है लेकिन जो डर अन्तर्राष्ट्रीय स्थर पर
पैदा किया वो देश के अपराधिओं में क्यू नहीं हो रहा .....आज भी कोई परिवर्तन नहीं
है अपराधिक घटनाओं में, कोई डर भय नहीं है भ्रष्टाचारीओं में ... एक बात माननी पड़ेगी
आप को ४५ दिन कि अरविन्द केजरीवाल कि सरकार कैसी भी चली हो एक चीज जो हमको उस
सरकार से सिखाना चाहिए वो.... भष्टाचारीओं में डर कैसे पैदा किया जाता है | मै
तारीफ करता हूँ उस सरकार कि जिसने पैदा किया था डर ... लेकिन अभी तक मोदी सरकार वो
डर न तो अपराधिओं और न ही भ्रष्टाचारीओं में पैदा कर पा रही |
मध्य प्रदेश में
सिंडीकेट बैंक के चेयरमैन फर्जी फिकेशन और भर्ष्टाचार में पकडे गए और इससे जादा क्या
कहूँ शायद कोई डर हो कानून से तो कोई डरे न लेकिन किसी को कोई डर ही नहीं,
सरकार ने एक्शन लिया और बर्खाश्त करते हुये केस CBI पर है ... सवाल ये है कि कन्हा से हिम्मत
आती है फर्जीवाड़ा करने कि क्या हमारा कानून कमजोर है जो भष्टाचारीओं को डराने में
नाकाम है | मोदी जी के चुनाव कि हर रैली में “कोयला कि फाईल खो गयी और हमारी तो
लाइफ ही खो गयी “ ये शब्द हुआ करते थे ... क्या कोई भी चर्चा इन पिछले महीनो में
हुए क्या कोई एक्शन लिया जा रहा है कोयले पर |
आज अपराधिक घटनाये दिन पर दिन बढ़ रही है
जिस का दोष हम राज्य सरकार पर लगा कर अपना पल्ला भारी कर लेते है ... केन्द्र सरकार
का कोई रोल नहीं किसी भी राज्य में कानून व्यवस्था को सही करने का ?
केन्द्र के पास तागत होती है जो सरकार राज्य में सही से काम नहीं कर पा रही उसे भार्खास्त कर सकती है फिर भी कोई एक्शन नहीं ... चुनाव से पहले बड़ी बड़ी बातें ??
केन्द्र के पास तागत होती है जो सरकार राज्य में सही से काम नहीं कर पा रही उसे भार्खास्त कर सकती है फिर भी कोई एक्शन नहीं ... चुनाव से पहले बड़ी बड़ी बातें ??
बस इंतजार है मोदी जी कि १५ अगस्त २०१४ कि उन घोषणाओं का जिन में से इन मुद्दों पर क्या मोदी जी बोलते है ?
जयकान्त पाराशर
आगराjkparashar@gmail.com
www.jkparashar.blogspot.com
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