Wednesday, January 9, 2013

समझ क्यूँ नहीं आ रहा ??????????????????



ये कमीना पाकिस्तान अपनी औकात से कभी भी नहीं बाज आ सकता ................ फिर भी हिंदुस्तान की समझ क्यूँ नहीं आ रही........... ?????????????
८-०१-२०१३ कि घटना ने दिल और मन को इस कदर दर्द दिया है कि मन करता है कि कुत्ते पाकिस्तान का नामो निशान मिटा दो ....... भारत लगाता दोस्ती का हाथ बढाता रहा और ये कमीना हर बार धोखा देता रहा ......... बस बंद करो अब भारत को मुह तोड़ जबाब देना चाहिए .................
हम दो आँसू नहीं गिरा पाते अनहोनी घटना पर
पल दो पल चर्चा होती है बहुत बड़ी दुर्घटना पर
अब केवल आवश्यकता है हिम्मत की खुद्दारी की
दिल्ली केवल दो दिन की मोहलत दे दे तैय्यारी की
सेना को आदेश थमा दो घाटी ग़ैर नहीं होगी
जहाँ तिरंगा नहीं मिलेगा उनकी खैर नहीं होगी

मैंने अपने एक लेख(सिर्फ एक षड्यंत) में लिखा था पाकिस्तान कोई साजिश कर रहा है ...........
https://www.facebook.com/JaykantParashar
आप को याद दिला दूँ इस वर्ष कि कुछ घटनाएँ ..................
पाकिस्तान क्या क्या करता रहा और हम अनजान बने हुए है ..............................


३० जुलाई कि घटना
जम्मू के दक्षिण जिले साम्बा में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट एक सुरंग मिली| ये सुरंग कटीले तार के नीचे बनायीं जा रही है ये कटीले तार पाकिस्तान से आतंकवादिओं कि घुसपैठ को रोकने के लिये लगाये गए ............ ये सुरंग तीन फीट चौड़ी , तीन फीट ऊँचाई और 400 से 500 मीटर लंबी है जिसका एक सिरा भारत और एक पाकिस्तान में है इस सुरंग में आक्सीजन कि आपूर्ति के लिये पाईप लगी हुयी थी |
 ये सब अप्रेल २०१२ में आये पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के बाद की ये घटना थी|
सिर्फ एक षडयंत्र

पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रविवार अपराह्न् राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई और अमन-चैन के लिए जियारत की। इस खवर में खास क्या है ....हाँ बड़ी खवर होती जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रविवार अपराह्न् राजस्थान मंदिर या गुरुद्द्वारे में अमन-चैन के लिए दुआ की |




जरदारी ने दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर का दान भी दिया। दरगाह के खादिम (संचालक) जीशान कप्तान ने कहा, "राष्ट्रपति जरदारी ने यहां जियारत की और दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर (करीब पांच करोड़ रुपये) दान दिए।

कप्तान के मुताबिक गरीब नवाज के नाम से मशहूर सूफी संत के दरगाह में जरदारी और उनके पुत्र बिलावल ने 10 मिनट बिताए। यहां उन्होंने जेब में रखी कुरान की कुछ आयतें पढ़ीं। पिता-पुत्र ने पाकिस्तान से लाई गई चादरें चढ़ाईं। इसके बाद खादिम ने दोनों को उपहार भेंट किए।
जरदारी ने दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर का दान भी दिया। दरगाह के खादिम (संचालक) जीशान कप्तान ने कहा, "राष्ट्रपति जरदारी ने यहां जियारत की और दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर (करीब पांच करोड़ रुपये) दान दिए।

कप्तान के मुताबिक गरीब नवाज के नाम से मशहूर सूफी संत के दरगाह में जरदारी और उनके पुत्र बिलावल ने 10 मिनट बिताए। यहां उन्होंने जेब में रखी कुरान की कुछ आयतें पढ़ीं। पिता-पुत्र ने पाकिस्तान से लाई गई चादरें चढ़ाईं। इसके बाद खादिम ने दोनों को उपहार भेंट किए

जिस देश का पालन पोषण....अमेरिका करता हो .........जिस के खुद खाने के लाले हो ....जो सबसे बड़ा भिखारी हो ................वो पांच करोड़ रुपये किसी दरगाह को दे जाता है......इस बात से क्या अंदाजा लगाया जाए कि जरदारी कि भारत यात्रा दोस्ती के लिए थी नहीं ....................यंहा के मुसलमानों के मन में पाकिस्तान के प्रति हमदर्दी पैदा करने के लिए थी जिस से वो उनका फायदा उठा सके |


पहले से तय पाकिस्तान से लायी गयी चादरें ...............क्या था ये ..........सिर्फ एक षडयंत्र |



जले पर नमक छिडकना तो हमारी सरकार से सीखो |

देश पर नौछावर शहीदों की परवाह नहीं , उनके परिवार वालों को राष्ट्रपति महोदय से मिलने नही नहीं दिया जाता, उनकी सुध लेने बाला कोई नहीं है और .............आतंकवादियों की परवाह बहुत जादा है है तभी तो कसाव को फांसी नहीं लगायी जा रही है ........ और अब तो सारी हद पार कर गयी देशदोही कांग्रेस ................... जानने के लिए क्लिक करे इस वीडियो पर .......... 

Tuesday, January 8, 2013

कोई भी अपने बेटे का नाम रावण क्यूँ नहीं रखता ...?????????


आज दिल्ली की घटना .............. ने पूरे देश को हिला दिया है,
चाहे नेता हो या आम जनता या मीडिया हर कोई इस इस घटना पर अपने अपने विचार दे रहा है ...... कुछ लोग अपने स्टेटमेंट से विवादों में है तो कोई इस पर राजनीति कर रहा है | ..........मैं भी अपनी समझ से अपने विचार आप से (बांट)शेयर कर रहा हूँ |
घटना बहुत ही निन्दनीय थी आप सभी जानते है, न्याय मांग रहे विद्याथीओं  को वेरहमी से खदेड़ा गया, लाठीयां, पानी , आशु गैस से प्रहार किया गया ऐसा प्रतीत हो रहा था कि हिटलर के विरुद्ध किसी ने आवाज उठा दी और हिटलर ने उन्हें कुचलने के लिये आदेश दे दिया है .... जो भी हुआ अच्छा नहीं हुआ |
लेकिन सबसे बड़ा दुःख जब होता है इतना होने के बाद भी हम सबक नहीं ले रहे ........ उ०प्र० में ऐसी घटनाये आम होती जा रही है ...........लेकिन कोई भी एक्शन लेने वाला नहीं है पुलिस की कहें तो उ०प्र० पुलिस तो दलाल बन चुकी है |

रही बात आरएसएस के मोहन भागवत जी के बयान की तो आप ने क्या गलत कहा.....................

एक बात मैं सभी से पूछना चाहूँगा कि कोई भी अपने बेटे का नाम रावण क्यूँ नहीं रखता ...?????????

शायद इसलिए की रावण जैसा नहीं देखना चाहते अपने बेटे को ............. हमारे बुजुर्ग कहते है कि व्यक्ति पर उसके नाम का सबसे बड़ा असर पड़ता है .......  पहिनावे का असर उसकी मानसिकता को दर्शाता है |
बस मैं भागवत जी के भावार्थ को प्रकट करना चाहता हूँ कि भारत शव्द में हमारी संस्कृति, हमारी सभ्यता को पदर्शित करता है ............. हमारी पहिचान हमारी संस्कृति है | भारत से 1947 से अंग्रेज तो चले गए लेकिन एक पौधा लगा गए जिस का नाम इंडिया था जो कि आज अच्छा ख़ासा पेड़ बन चूका है जिसकी जड  मजबूत होती जा रही है ................ पाश्चात ने हमारे देश को जकड लिया है जैसे चन्दन के पेड़ को साँप जकड लेता है, हमारी सोच पूरी तरह से पाश्चात हो गयी है ...........इस मैं कोई शक नहीं है | मनोरंजन के नाम पर फिल्मों का जो स्तर गिरा है ............... आप इससे मना नहीं कर सकते, पाश्चात संस्कृति का असर अगर देश के हर कोने में दिखाई दे रहा है | हम अपनी संस्कृति को भूलते जा रहे है भारत की महानता को भूलते जा रहे है|