आगरा शहर को इस्वी न्यू वर्ष 2012 का उपहार मिला ............ आगरा जिले में पोलिथिन के इस्तमाल पर रोक लगाकर |

ये उपहार शहर व् समाज के लिए एक बहुमूल्य उपहार था जिसे नगर निगम द्वारा दिया गया और पोलिथिन का इस्तमाल कैसे रोकना है इसका जिम्मा जिला प्रशासन ने लिया | जिला प्रशासन ने पूरी इमानदारी के साथ अपना कर्तव्य निर्भाह किया और सफल भी रहा | लगने लगा था कि शहर को साफ रखने की मुहीम प्रारम्भ हो गयी है और जानवरों और पर्यावण को सुरक्षित किया जा रहा है ........................... यमुना नदी को बचाने का ये पहला कदम था ........... लेकिन कुछ महीने तक ही क्यूँ रहा ये अभियान .......... आज पोलिथिन बाजार में जबरदस्त इस्तमाल हो रही है.... एक समय ये भी था बाजार में पोलिथिन देखना मुश्किल था लेकिन ........... दुर्भाग्य !!!!!!!
मेरी एक बात आज तक समझ नहीं आती प्रशासन अपना अभियान सिर्फ कुछ समय के लिए ही क्यूँ रखता है | मैं मानता हूँ कि प्रशासन के पास एक ही काम नहीं है .........जिससे एक काम को ही देखता रहे ....................
मेरा मानना है किसी काम कि शुरुआत करने में अधिक मेहनत की जरुरत होती है जब कोई काम सुचारू रूप से चलने लगता है तो थोड़े से ध्यान से उसे व्यवस्थित किया जा सकता है |
आज तमाम संगठन यमुना नदी को साफ करने की मुहीम चला रहे है , अभिनेत्री प्रियंका चोपडा ने भी रूचि दिखाई, जब आगरा आयीं थी एक दिन यमुना तट पर जा कर सफाई भी की | .......................
१. मेरी एक बात समझ नहीं आती कि बना पोलिथिन के इस्तमाल को राके विना नदी का साफ रखना संभव है ???????
२. आगरा के सीवर के ब्लाक (रुकना) होने का मुख्य कारण ................................. पोलिथिन है
३. शहर में बीमारीयों के बढने का कारण ..............................पोलिथिन
४. पशु पक्षीओं के मरने का कारण .......................................पोलिथिन
५. .................................................................................... पोलिथिन
आज सबसे बड़ी समस्या पोलिथिन है , पोलिथिन के रोके बिना यमुना नहीं को साफ रखना संभव नहीं है ...............फिर भी हम पोलिथिन के इस्तमाल कर रहे है क्यूँ ???????
मेरा उन सभी संगठनो से निवेदन है जो यमुना नहीं की सफाई के लिए चिंतित है वो पोलिथिन की रोकथाम के लिए आगे आये |
मेरा नगर आयुक्त व जिला प्रशासन से करबद्ध निवेदन है कि हमारे उस उपहार को हमें वापिस करके शहर, प्राणी व पर्यावरण को सुरक्षित करने कि कृपा करें |
धन्यवाद !
जयकान्त पाराशर
आगरा
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