Monday, October 1, 2012

लाल बहादुर शास्त्री जी के जन्मदिवस के सुअवसर पर पर कोटि कोटि नमन !!!!!!! जय जवान जय किसान!!!!!!!


लाल बहादुर शास्त्री जी जिन्हें आप और हम भारत के दूसरे प्रधानमंत्री का तरह याद रखे हुए हैं लाल बहादुर शास्त्री जी ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम रोल अदा किया, 1964 में देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने. 1966 में हुए पाकिस्तान के साथ युद्ध में उनके निर्णयों की वजह से भारत ने पाकिस्तान को मार भगाया था. लाल बहादुर शास्त्री को चाहे लोग किसी भी बात के लिए जानें लेकिन जो शब्द उनके व्यक्तित्व को बखूबी दर्शाते थे वह हैं सादगी, उच्च विचार और शिष्टाचार.


लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था. उनका जन्मदिवस गांधी जी के जन्मदिवस के समान होने की तरह व्यक्तित्व और विचारधारा भी गांधी जी के जैसे ही थे. शास्त्री जी गांधी जी के विचारों और जीवनशैली से बेहद प्रेरित थे. शास्त्री जी ने स्वतंत्रता आंदोलन में गांधीवादी विचारधारा का अनुसरण करते हुए देश की सेवा की और आजादी के बाद भी अपनी निष्ठा और सच्चाई में कमी नहीं आने दी.

भारत की स्वतंत्रता के पश्चात शास्त्रीजी को उत्तर प्रदेश के संसदीय सचिव के रुप में नियुक्त किया गया था. वो गोविंद बल्लभ पंत के मुख्यमंत्री के कार्यकाल में प्रहरी एवं यातायात मंत्री बने. जवाहरलाल नेहरू का उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल के दौरान 27 मई, 1964 को देहावसान हो जाने के बाद, शास्त्री जी ने 9 जून 1964 को प्रधान मंत्री का पद भार ग्रहण किया. शास्त्री जी का प्रधानमंत्री पद के लिए कार्यकाल राजनैतिक सरगर्मियों से भरा और तेज गतिविधियों का काल था. पाकिस्तान और चीन भारतीय सीमाओं पर नजरें गडाए खड़े थे तो वहीं देश के सामने कई आर्थिक समस्याएं भी थीं. लेकिन शास्त्री जी ने हर समस्या को बेहद सरल तरीके से हल किया. किसानों को अन्नदाता मानने वाले और देश के सीमा प्रहरियों के प्रति उनके अपार प्रेम ने हर समस्या का हल निकाल दिया. “जय जवान, जय किसान” के साथ उन्होंने देश को आगे बढ़ाया.

जिस समय वह प्रधानमंत्री बने उस साल 1965 में पाकिस्तानी हुकूमत ने कश्मीर घाटी को भारत से छीनने की योजना बनाई थी. लेकिन शास्त्री जी ने दूरदर्शिता दिखाते हुए पंजाब के रास्ते लाहौर में सेंध लगा पाकिस्तान को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. इस हरकत से पाकिस्तान की विश्व स्तर पर बहुत निंदा हुई. पाक हुक्मरान ने अपनी इज्जत बचाने के लिए तत्कालीन सोवियत संघ से संपर्क साधा जिसके आमंत्रण पर शास्त्री जी 1966 में पाकिस्तान के साथ शांति समझौता करने के लिए ताशकंद गए. इस समझौते के तहत भारत-पाकिस्तान के वे सभी हिस्से लौटाने पर सहमत हो गया जहाँ भारतीय फौज ने विजय के रूप में तिरंगा झंडा गाड़ दिया था.

इस समझौते के बाद दिल का दौरा पड़ने से 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में ही शास्त्री जी का निधन हो गया. हालांकि उनकी मृत्यु को लेकर आज तक कोई आधिकारिक रिपोर्ट सामने नहीं लाई गई है. उनके परिजन समय-समय पर उनकी मौत पर सवाल उठाते रहे हैं. यह देश के लिए एक शर्म का विषय है कि उसके इतने काबिल नेता की मौत का कारण आज तक साफ नहीं हो पाया है.

साल 1966 में ही उन्हें भारत का पहला मरणोपरांत भारत रत्न का पुरस्कार भी मिला था जो इस बात को साबित करता है कि शास्त्री जी की सेवा अमूल्य है.

आज राजनीति में जहां हर तरफ भ्रष्टाचार का बोलबाला है वहीं शास्त्री जी एक ऐसे उदाहरण थे जो बेहद सादगी पसंद और ईमानदार व्यक्तित्व के स्वामी थे. अपनी दूरदर्शिता की वजह से उन्होंने पाकिस्तान को गिड़गिडाने पर विवश कर दिया था. हालांकि ताशकंद समझौता भारत की अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा पर फिर भी उन्होंने दुनिया को भारत की ताकत का अंदाजा दिला दिया था.

                                                                                                                                                                                                जयकान्त पाराशर 
                                                                                                                                                                                                    खेरागढ़ आगरा

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Monday, July 30, 2012

अब सुरंग से हमला करने की तैयारी में जुटा पाकिस्तान !!!!!!!


अब सुरंग से हमला करने की तैयारी में जुटा पाकिस्तान !!!!!!!
जम्मू के दक्षिण जिले साम्बा में अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट एक सुरंग खोज निकाली भारतीय किसान ने| ये सुरंग कटीले तार के नीचे बनायीं जा रही है ये कटीले तार पाकिस्तान से आतंकवादिओं कि घुसपैठ को रोकने के लिये लगाये गए ............ ये सुरंग तीन फीट चौड़ी , तीन फीट ऊँचाई और 400 से 500 मीटर लंबी है जिसका एक सिरा भारत और एक पाकिस्तान में है इस सुरंग में आक्सीजन कि आपूर्ति के लिये पाईप लगी हुयी है |
१५ जुलाई को ही चिदंबरम जी ने कहा था इस वर्ष कोई आतंकी हमला नहीं हुआ ................. चिदंबरम जी को करार जबाब | https://www.facebook.com/photo.php?fbid=384133781640395&set=a.184092998311142.74405.100001313281511&type=3&theater
मुम्बई हमले में नाकाम पाकिस्तान अपनी औकात से बाज नहीं आएगा पहले समुद्र के मार्ग से अब पाताल के मार्ग से हमला करने की साजिश रच रहा है मैं अपने पिछले लेख (ये क्या .............एक षड़यंत्र) में कहा था जरदारी की नीयत अच्छी नहीं है भिखारिओं के दान देने पर शंका तो होगी ही और उसकी सच्चाई आप के सामने है | https://www.facebook.com/photo.php?fbid=210733469039760&set=o.210686402377800&type=3&theater


मेरे भारतवासियों अब सतर्क होने कि जरुरत है मुम्बई हमले ने पूरे देश को हिला दिया था फिर से वही होने जा रहा है उधर चीन के इरादे भी ठीक नजर नहीं आरहे है |
सरकार के भरोसे रहे तो सरकार तो कसाब जैसे जानवरों पर देश को लुटाती रहेगी और एक दिन हम फिर से गुलाम हो जायेंगे ......................जागो भारत जागो !!!!!!!

Jaykant Parashar

Monday, July 16, 2012

कुछ समय के लिए ही क्यूँ???????……………………………………………….



आगरा शहर को इस्वी न्यू वर्ष 2012 का उपहार मिला ............ आगरा जिले में पोलिथिन के इस्तमाल पर रोक लगाकर |

ये उपहार शहर व् समाज के लिए एक बहुमूल्य उपहार था जिसे नगर निगम द्वारा दिया गया और पोलिथिन का इस्तमाल कैसे रोकना है इसका जिम्मा जिला प्रशासन ने लिया | जिला प्रशासन ने पूरी इमानदारी के साथ अपना कर्तव्य निर्भाह किया और सफल भी रहा | लगने लगा था कि शहर को साफ रखने की मुहीम प्रारम्भ हो गयी है और जानवरों और पर्यावण को सुरक्षित किया जा रहा है ........................... यमुना नदी को बचाने का ये पहला कदम था ........... लेकिन कुछ महीने तक ही क्यूँ रहा ये अभियान .......... आज पोलिथिन बाजार में जबरदस्त इस्तमाल हो रही है.... एक समय ये भी था बाजार में पोलिथिन देखना मुश्किल था लेकिन ........... दुर्भाग्य !!!!!!!

मेरी एक बात आज तक समझ नहीं आती प्रशासन अपना अभियान सिर्फ कुछ समय के लिए ही क्यूँ रखता है | मैं मानता हूँ कि प्रशासन के पास एक ही काम नहीं है .........जिससे एक काम को ही देखता रहे ....................

मेरा मानना है किसी काम कि शुरुआत करने में अधिक मेहनत की जरुरत होती है जब कोई काम सुचारू रूप से चलने लगता है तो थोड़े से ध्यान से उसे व्यवस्थित किया जा सकता है |
आज तमाम संगठन यमुना नदी को साफ करने की मुहीम चला रहे है , अभिनेत्री प्रियंका चोपडा ने भी रूचि दिखाई, जब आगरा आयीं थी एक दिन यमुना तट पर जा कर सफाई भी की | .......................
१.     मेरी एक बात समझ नहीं आती कि बना पोलिथिन के इस्तमाल को राके विना नदी का साफ रखना संभव है ???????
२.     आगरा के सीवर के ब्लाक (रुकना) होने का मुख्य कारण ................................. पोलिथिन है
३.     शहर में बीमारीयों के बढने का कारण ..............................पोलिथिन
४.     पशु पक्षीओं के मरने का कारण .......................................पोलिथिन  
५.     .................................................................................... पोलिथिन      

आज सबसे बड़ी समस्या पोलिथिन है , पोलिथिन के रोके बिना यमुना नहीं को साफ रखना संभव नहीं है ...............फिर भी हम पोलिथिन के इस्तमाल कर रहे है क्यूँ ???????
मेरा उन सभी संगठनो से निवेदन है जो यमुना नहीं की सफाई के लिए चिंतित है वो पोलिथिन की रोकथाम के लिए आगे आये |
मेरा नगर आयुक्त व जिला प्रशासन से करबद्ध निवेदन है कि हमारे उस उपहार को हमें वापिस करके शहर, प्राणी व पर्यावरण को सुरक्षित करने कि कृपा करें |
धन्यवाद !

          जयकान्त पाराशर
                         आगरा
                                                                                                       

Friday, June 8, 2012

२ दिन के प्रेम की अहमियत परिवार के प्यार से जादा क्यूँ ?


२ दिन के प्रेम की अहमियत परिवार के प्यार से जादा क्यूँ ?

रविवार 03-06-12 एपिसोड सत्यमेव जयते !!!!!!!
इस एपिसोड में प्रेम विवाह के बारे में निम्न जानकारियाँ दी गयी किस तरह से प्रेमी को परेशानीओं का सामना करना पड़ता है|
भारतीय संबिधान व् कानून के अनुसार आगरा लड़की 18 वर्ष व लड़का 21 वर्ष का है तो वो अपनी मर्जी से विवाह कर सकता है| फिर भी समाज व परिवार क्यों विरोध करते है.?...................... सत्यमेव जयते???
कई बिंदुओं पर चर्चा हुए|
सबसे पहले कुछ प्रेमिओं कहानी सुनी गयी, किस तरह से परिवार के लोगों ने शादी से खपा थे और उन्हें अलग करने के लिए क्या क्या नहीं किया ............कई लोगों ने तो अपनी जान भी गवा दी पुलिस कि मदत लेना चाह तो पुलिस भी परिवार वालों के साथ मिल गयी और कुछ परिवार ने शादी को कुछ समय बाद स्वीकार कर लिया|
खाप के सरपंच भी उपस्थित थे और उनसे कहा गया कि आप भारत के संविधान से बढकर तो नहीं है फिर भी आप कैसे दे सकते है फैसला कि गाँव का कोई भी व्यक्ति इन लोगों से सम्बन्ध नहीं रखेगा|
दिल्ली विश्वविद्द्यालय के प्रोफ़ेसर ने लव मैरिज के पक्ष को लेते हुए कहा कि हमें समय के साथ परम्पराओं को बदल देना चाहिए क्यूँ कि ठहरे हुए पानी मैं कीड़े पड़ जाते है |
संजय जी .................लव कमांडर के नाम से सुसोभित आप ने तो यंहा तक कह दिया कि बच्चो को लव करने कि व शादी करने कि छूट दे देनी चाहिए| 18 वर्ष का प्रधानमंत्री चुन सकता है है तो शादी अपनी मर्जी से क्यूँ नहीं कर सकता?

सभी को सुनने के बाद  

सबसे पहले आमिर खान जी आप ने कहा कई  लोगो से पूछा तो उन्होंने समाज में इज्जत कि बात की | आप ने कहा इज्जत कान्हा चली जाती है जब भ्रूण हत्या व योन शोषण किया जाता है तो कन्हा चली जाती है इज्जत |
आप से कहना चाहूँगा कि ये हर कोई नहीं करता|
आज पैसा कमाना बहुत आसान है लेकिन इज्जत कमाना बहुत मुश्किल होता है , जो माँ बाप आप कि हर खुशी के लिए अपनी इच्छा को छोड़ देते है और आप कि हर फरिमाईस पूरी की जाती है...........और हम क्या देते है उन्हें सर्मिन्दिगी|

लव कमांडर जी आप ने कहा की अपने बच्चों को आजादी देदेनी चाहिए शादी का फैसला करने की .............एक बात बताये क्या हमने अपने माता पिता से जादा दुनिया देखी है ......अच्छे बुरे कि पहिचान उनसे जादा नहीं है वो जो भी फैसला लेते है अपने बच्चों की भलाई के लिए ही लेते है..........जो माँ विना सोय आप को सुलाती है ....... खाना तुम्हें खिलाकर खाती है जो पिता दिन रात मेहनत कर आप कि जरूरतों को पूरा करता है उसे हम ऐसा तोहफा दे तो उन्हें तकलीफ होना स्वाभाविक है ..............और १०० बातों कि एक बात भारत 89% love marriage fail (लव मैरिज) फेल होती है सभी की बात छोडिये सत्यमेव जयते के प्रायोजक........संचालक (एंकर) कि भी पहली शादी लव मेरिज थी जो कि माँ पिता के बिना मर्जी के 1986 में रीना दत्ता से की थी जो कि 2002 तक ही चल पाई रीना दत्ता के पास 2 बच्चे है|    
युवा जिसे प्यार कहते है ................प्यार किसे कहते है ये जानते भी है ..............जिसे प्यार कहते है वो प्यार नहीं आकर्षण (attraction) है| क्या आपकी माँ आप से प्यार नहीं करती क्या आप का परिवार आप से प्यार नहीं करता २ दिन का प्रेम की अहमियत परिवार के प्यार से जादा क्यूँ ?
जो माँ बाप आप की खुशी के लिए सब कुछ करते है और रही शादी कि बात तो वो विना आप कि मर्जी के फैसला भी नहीं लेते फिर हम क्यूँ शर्मिंदा करते है ........ ........... .???????

जयकान्त पाराशर ……………………............................... https://www.facebook.com/JaykantParashar

Wednesday, April 11, 2012

ये क्या है ...................षडयंत्र


जरदारी का जोरदार स्वागत हुआ और होना भी चाहिए ..............................क्यूँ कि अथिति देवो भव:|

मैं कुछ बिन्दुओं पर प्रकाश डालना चाहता हूँ .......


       एक बात समझ नहीं आई मीडिया ने बड़ी खवर के रूप में दिखाई 


पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रविवार अपराह्न् राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई और अमन-चैन के लिए जियारत की।  इस खवर में खास क्या है  ....हाँ बड़ी खवर होती जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रविवार अपराह्न् राजस्थान मंदिर या गुरुद्द्वारे में अमन-चैन के लिए दुआ की |



जरदारी ने दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर का दान भी दिया। दरगाह के खादिम (संचालक) जीशान कप्तान ने कहा, "राष्ट्रपति जरदारी ने यहां जियारत की और दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर (करीब पांच करोड़ रुपये) दान दिए।

कप्तान के मुताबिक गरीब नवाज के नाम से मशहूर सूफी संत के दरगाह में जरदारी और उनके पुत्र बिलावल ने 10 मिनट बिताए। यहां उन्होंने जेब में रखी कुरान की कुछ आयतें पढ़ीं। पिता-पुत्र ने पाकिस्तान से लाई गई चादरें चढ़ाईं। इसके बाद खादिम ने दोनों को उपहार भेंट किए।



जिस देश का पालन पोषण....अमेरिका करता हो .........जिस के खुद खाने के लाले हो ....जो सबसे बड़ा भिखारी हो ................वो पांच करोड़ रुपये किसी दरगाह को दे जाता है......इस बात से क्या अंदाजा लगाया जाए कि जरदारी कि भारत यात्रा दोस्ती के लिए थी नहीं ....................यंहा के मुसलमानों के मन में पाकिस्तान के प्रति हमदर्दी पैदा करने के लिए थी जिस से वो उनका  फायदा उठा सके |

पहले से तय पाकिस्तान से लायी गयी चादरें ...............क्या था ये ..........सिर्फ एक षडयंत्र |

Monday, March 5, 2012

आखिर क्यों ......................नेता दोषी ...................???????


आखिर नेता ही क्यूँ..............................??????????????

हम सभी राजनेताओं को कोसते है, उन्हें भ्रष्टाचारी कहते है और गालियाँ भी देते है........ये सब कहीं हद तक सही भी है लेकिन मेरे अनुसार सारा कसूर नेताओं को देना ठीक नहीं है ....................
हम नेताओं को भ्रष्टाचार के लिए जादा कोसते है ....................
एक बात बताइये ...................................???
कोई भी जनप्रतिनिधि अपनी मर्जी से  Rs1 को नगद (cash) नहीं करा सकता बिना किसी प्रशासनिक अधिकारी की मर्जी के खिलाफ..............ये बात आप सभी अच्छी तरह से जानते है उदाहण के लिए ............
हम किसी भी विभाग कि बात करें तो वहाँ एक जनप्रतिनिधि व् एक प्रशासनिक अधिकारी होता है (उदाहरण) नगर पंचायत में जनप्रतिनिधि अध्यक्ष जो कि जनता चुनती है और प्रशासनिक अधिकारी अधिशासी अधिकारी (E.O) होता है जो कि एक शिक्षित अधिकारी होता है जो परीक्षा पास कर पद पर पहुँचता है ।

ये व्यवस्था संबिधान में भ्रष्टाचार को मद्दे नजर रखते हुए दी गई थी ......लेकिन आज ऐसा नहीं है आज नेता और प्रशासनिक अधिकारी दोनों मिलकर मजे उड़ा रहे है ...........लेकिन गाज सिर्फ नेताओं पर गिरती है  ऐसा क्यूँ ?????
आईएएस(IAS) जो कितना शिक्षित होता है वो भी नेताओं के साथ गठवन्धन कर लेते है ........अपने थोड़े से फायदा के लिए नेताओं को करोंड़ों रुपये का घोटाला करने देते है उदाहरण कई मंत्री जेल जा चुके है परन्तु कोई भी प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ जाँच क्यूँ नहीं हो रही जिन्होंने राजा जैसे भ्रष्टाचारी की मदत की थी और उनको रास्ता दिखाया था किस तरह से घोटाले करने है  ......मेरे अनुसार सारे रास्ते  व् किस तरह से लूटना है देश को दिखाने वाले प्रशासनिक अधिकारी ही होते है ..................... तो दोषी सिर्फ नेता  क्यूँ??????? 
अगर प्रशासन अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निर्वाह करे तो किसी भी नेता की हिम्मत नहीं है कि घोटाले कर सके ।
जागो भारत जागो !!!!!!!

Wednesday, January 4, 2012

मारना ही जुर्म क्यूँ है ? ,पैदा करना जुर्म क्यूँ नही ?




एक सवाल जो कि है सादारण सा .............. लेकिन जब चिंतन किया जाये तो बहुत बड़ी समस्याओं का समाधान |
मारना ही जुर्म क्यूँ है ? ,पैदा करना जुर्म क्यूँ  नही ? 
केवल एक नाजायज बच्चे को जन्म देना ही अपराध क्यों है? वैध बच्चे पैदा करना और उनके  जीवन को बर्बाद करना अपराध क्यूँ नही?  
  

Why kill the crime? , Why not create a crime?
Only give birth to an illegitimate child, why is the crime. 
Legitimate children and why their life is not a crime to waste

 


इन सवालों का जबाब अगर लोगों कि समझ में आ जाएँ तो जनसँख्या जिस गति से बड रही है उस पर कंट्रोल किया जा सकता है 
ये सभी प्रश्न एक पाकिस्तानी फिल्म बोल के है ..............जिस में अभिनेत्री ने लोगो को समझाने का प्रयास किया है ......इस फिल्म से सिखने को बहुत कुछ है ...........पाकिस्तानी होने के कारण सारे पात्र मुस्लिम  है .."".फिल्म में एक परिवार और उसमे कमाने बाला भी एक ही होता है उसके 8 लड़की होती है कुल मिलाकर 10 लोग होते है फिर भी वो व्यक्ति अपने परिवार पर नियंत्रण नहीं करता है ...इस पारिवार कि लड़की अपने पिता से छुपाकर अपनी माँ का आपरेशन करा देती है जब उसके पिता को पता चलता है तो उसको डाटते हुये कहते है कि तुने अल्ला के काम में दखलंदाजी दे कर कितना बड़ा गुनाह किया है, जिंदगी देना तो उसका काम है,  तब अभिनेत्री कहती है अब्बा एक मोटी सी बात आप की समझ क्यों नहीं आती है जितने मुह होंगे उतना खाना भी चाहिए ...........और फिर अब्ब्बा कुरान को याद करते हुए बोले अल्ला के फरिस्ते कह कर गए है की हमारी उन्नत सबसे बड़ी होनी चाहिए ........तब अभिनेत्री ने उन्नत का सही अर्थ बताया कि उन्नत बड़ी हो पैसे में रुरबे में"" ............(एक व्यंग )|


उस फिल्म को देखने के बाद मेरा अपना मानना है कि अज्ञानता, और सही समझ न होने के कारण..........आज मुसलमानों के घरों में एक के आठ आठ बच्चे होते है. और भोजन पाने के लिए गलत रास्ते अपनाते है

अभिनेत्री के सवालों पर हमें गौर करना चाहिए ...........मारना ही अपराध क्यों है पैदा करना क्यों नहीं?????????????


अपनी राय भी जरुर दे....|