ये क्या कर रही है मायावती
मायावती जी तो भष्टाचार को बढाने में लगी हुयी हैं,
निकाय चुनाव में परिवर्तन करने के लिये बहुत व्याकुल हैं, अरे उन्होंने तो राज्यपाल को प्रस्ताव भी भेज दिया|
मायावती चाहती हैं कि निकाय चुनाव में नगर पंचायत अध्यक्ष और शहर में मेयर को जनता नहीं चुने, अर्थात प्रजातंत्र नहीं हो, वो चाहती है कि वार्ड मेम्बर और पार्षद चुने, चेयरमैन और मेयर को | जिससे चेयरमैन बनने के लिये वार्ड मेम्बरों को आसानी से खरीदा जा सके जैसा जिलापंचायत के चुनाव में होता है|
क्या निकाय चुनाव में परिवर्तन होना चाहिए?????????
मेरे अनुसार नहीं, क्यू कि मेयर और चेयरमैन को जनता चुने ये प्रजातंत्र है उसे स्वतंत्रता होनी चाहिए मेयर और चेयरमैन को चुनने की|
क्या ये भ्रष्टाचार को बढावा नहीं होगा???????????
हाँ ये भ्रष्टाचार को बढाएगा|
Example
खेरागढ़ में १२ बार्ड है चेयरमैन बनने के लिए उसे १२ में से ७ को खरीदना है और वो चेयरमैन बन जायेगा|
U r right Mr. Jaykant. The country which is known for largest Republic is now turning to be non-republic ways of choosing leaders by giving rise to corruption. Out of the members of boards of Municipalities some members will be "Manoneet Sadasya" of boards by ruling party which will obviously vote for ruling party supported candidates and rest of the needed votes can be bought by the candidates.
ReplyDeleteबहुत खूब कहा है
ReplyDeleteu are right jaykant
ReplyDeleteiska viroth jaruri h
बिलकुल आपसे सहमत हूँ
ReplyDeleteकृ्प्या वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें कमेन्ट देने मे असुविधा होती है। धन्यवाद।
iske lagoo hone ki kitani sambhavana hai?
ReplyDeleteAAKHIR MAYAVATI KI NAHI CHALI
ReplyDeleteNIKAY CHUNAV PAHALE KI TAHAR HI HOGA .............
DHANYBAAD BHAGVAN ....................