Thursday, January 20, 2011

गणतंत्र दिवस पर दो शब्द........मत करो ये नोटंकी.................................

२६ जनवरी १९५० से आज २६ जनवरी २०११ अर्थात ६१ वर्ष पूर्ण हो गए और ६२ वाँ गणतंत्र दिवस मनाएंगे . परन्तु क्या हम जानते है इस  दिन का मतलब ????
मरे अनुसार नहीं....................
क्यूँ कि आज के दिन अर्थात २६ जनवरी को संबिधान लागू हुआ था आज के दिन से हमने नयी शुरुआत कि थी.
परन्तु आज सबसे उच्च पद पर होने के बाद भी अपने संबिधान कि अह्बेलना  किये जारहे है, १०-१२-२००७ को समाचार पत्र में पकाशित खबर  में  प्रधानमंत्री और सोनिया गाँधी के खिलाप आदर्श संहिता का उल्लंघन का आरोप था. आँखों के सामने भर्ष्टाचार होता रहा, उच्च पद  पर होने पर भी किसी विशेष को लाभ देना,
आज के  बच्चों को राष्ट्रीय गान ओर  गीत के बारे में नहीं पता १५ अगस्त और २६ जनवरी को स्टुडेंट (विद्यार्थी ) स्कूल नहीं जाते ,
मैं १५ अगस्त २०१० को एक न्यूज़ चैनल पर देखा कि एक रिपोर्ट शहर में रास्तों पर लोगों से पूछता है  राष्ट्रीय गान क्या है और  किसने लिखा तो १० में से २ बता पाए .कितने राज्य है, राजेंद्र  प्रसाद , लाल बहादुर शास्त्री , सुभाष चन्द्र बोस को जानते भी नहीं थे फिर क्या फायदा औपचारिकता (formality) पूरी करने से. जब किसी को कदर ही नहीं तो मत  करो ये नोटंकी    गए लाल किले  पर झंडा फहरा दिया और हमारा काम खत्म   मत करो .............................
आज हम सभी भाग रहे है पर रास्ता नहीं पता......................भागे ही जा रहे है........... ....................................................................... पता नहीं किस के पीछे भाग रहे है ?????????????????????????/
आज हमें हिंदी बोलने पर भी शर्म आती है क्यूँ ??????????????????????//

गणतंत्र दिवस मानना है तो कम से कम अपने संबिधान कि कदर करो हिंदी बोलने मैं शर्म नहीं फक्र महसूस करो .
जिस देश को जिस के लिए जाना जाता है अपने संस्कार संस्कृति को बचाओ पश्चात के पीछे  मत भागो मत भागो ..............

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