Tuesday, October 25, 2011

ये क्या हो रहा है ................???????


चैरिटी  कैम्प की आड़ में समाज में विवादास्पद स्थितियाँ पैदा की जा रही है

एक तरफ हम भारत में मानवता की  बात करते हैं और दूसरी तरफ देश को धर्म के नाप पर तोड़ने कि तैयारी फिर से शुरू कर दी है एक बार फिर से इतिहास अपने आप को दोहरा रहा है...................फुट डालो राज्य करो कि नीति को अपनाया जा रहा है ........जब भारत के  सामने टिकने का साहस नही रहा तो ........धर्म के नाम पर तोड़ने चले है ..................


चैरिटी  कैम्पों की आड़ में गॉव गॉंव जा कर लोगो को मार्ग से भटकाया जा रहां हैं . .....................ये सब  सुनी हुए बात नहीं कह रहा बल्कि अपनी आँखों से देखी हुए, स्थिति की  बात कह रहा हूँ .................. जंहा मुझे और मेरे मित्रों को उनसे विवादास्पद स्थिति से गुजरना पड़ा |
घटना खेरागढ़ के गॉंव नगला उदैया के स्कूल रामा देवी आदर्श विद्यालय की है.......जहाँ  चैरिटी मेडिकल कैम्प की आड़ में लोगों को इसाई बनने के लिए कहा जा रहा था .....लोगों को कहानियां सुना कर सम्मोहित करने का प्रयास किया जा रहा था जब वंहा पहुंचे तो मेरे मित्र ने तर्क किया तो उन्होंने मित्र को भगा दिया | जब उसने मुझे बताया तो में वंहा गया और उनकी कहानी को कुछ देर सुनकर उनके इरादे को समझा और उनसे उनकी कही हए बातों पर तर्क दिया तो उन्होंने मुझे भी शांत कराने की  कोशिश की गयी ,परन्तु वो सफल नही हए .............. फिर क्या जब सभी मित्रों ने आवाज को बुलंद किया और  उन्हें इस काम  को बंद करना पड़ा ............

दोस्तो भारत को युवा शक्ति कि जरुरत है ........please please please please please please please........इस भारत को आप लोगों की जरुरत है, एकता की   जरुरत है ...........अगर आपके आस पास कोई भी ऐसी घटना हो जिस के कारण भारत देश को नुकसान हो सकता है तो शांत मत रहिये ........आवाज को  बुलंद कीजिए..........
वरना ये  भारत देश पर क्ब्ब्जा कर लेंगे और हम पागल कुत्तों कि तरह भटकते रहेंगे ...........और ज्यादा कह ने की  आवश्कता नही है क्यूँ कि आप समझ सकते है अभी 100  वर्ष भी पूरे  नही  हुए है हमें जीरों से मुक्त हुए ....................

अब शांत रहने का समय नही रहा है ............जागो रे जागो ...............जागो रे जागो ...............
जागो रे जागो ...............
जागो रे जागो ...............
जागो रे जागो ...............
जागो रे जागो ...............
जागो रे जागो ...............
जागो रे जागो ...............

Sunday, October 2, 2011

लाल बहादुर शास्त्री





आज के दिन के ऐसे व्यकि का जन्म हुआ जो हमारे लिए प्रेरणा स्रोत बने .

माननीय लाल बहादुर शात्री जी के स्वाभिमानी व्यकि थे ............इस मैं कोई संदेह नहीं ............एक सच्चे सही राजनेता के रूप में भी उनका मार्ग दर्शन मिला ..............आज हमको ऐसे ही प्रधानमंत्री की जरुरत है ............या कहें आज के राजनेताओं को उनसे कुछ सिखाना चाहिये







आज के दिन एक स्वाभिमानी तेजस्वी, व्यक्ति ने २ अक्टूबर १९०४ को पावन भूमि भारत में जन्म लिया जो आज प्रेरणा के स्रोत बने है ............................................आज आप के जन्म दिवस पर ............राजनीतिकों को आप से प्रेरणा लेने की अति आवश्यकता है 

Saturday, September 17, 2011

आगरा में बाम्ब ब्लास्ट ................

आज फिर से लाचार हुआ हमारा प्रशासन ..............फिर से आतंकवादियों ने अंजाम दे दिया अपनी योजना को .........कुछ समय ही हुआ था दिल्ली हाई कोर्ट के बहार हुए धमाके को और फिर से घायल कर दिया हमको ...........
आज १७-०९-२०११ को जय होस्पीटल के अंदर धमाका कर दिया गया और ............हमारे शहर के नागरिक घायल हो गये और हम कुछ भी नहीं कर पा रहे ..................फिर भी हम सबक नहीं ले रहे क्यूँ .................
फिर भी हम कसाब जैसे राक्षसों पर अरबों रुपये खर्च कर रहे है ..............
आख्रिर क्या करें हम ................???????????????????????
अमेरिका में एक बार के बाद फिर नहीं हुए आतंकी घटना ............क्यूँ कि उन्होंने सबक ले लिया था उसी घटना से और एक सकत कानून बना दिया गया जिस से वंहा कोई भी ऐसी घटना करने कि हिम्मत नहीं हुई .......आतंकवादी की |
और हम क्या कर रहे है .....कसाब जैसे राक्षस को फांसी कि सजा होने पर भी उसे फांसी नहीं लगाईं जा रही  बल्कि अरबों खर्च किये जारहे है..............कसाब जैसे लोग जिन्दा है तभी तो आतंकवादिओं का होसला  बढ रहा है


आखिर कब तक हम सहंगे ......
धमाके पर धमाका हो रहे है ..................फिर भी हम कसाब जैसे लोगो पर करोंड़ों खर्च कर रहे है...............आखिर कब तक होता रहेगा ये सब कब बनेगा सक्त कानून आतंकबाद को रोकने के लिये आखिर कब ????????????????????..................

Saturday, August 20, 2011

अन्ना vs सरकार

आज पूरा देश अन्ना को वर्तमान का गांधी मान रहा है , मैं तो कहता हूँ अन्ना आज के गांधी ही हैं|
आजादी के बाद सबसे बड़ी लड़ाई जो लड़ रहे हैं और वो भी गांधी जी के पग चिन्हों पर |  अन्ना ने पहले अनशन किया तो लोकपाल बिल सदन मे लाने को  तैयार हुए सरकार .......परन्तु ........सरकार ने लोकपाल कि जगह जोकपाल बिल तैयार कर दिया जिस में बिल्कुल भी दम नही था........अन्ना ने १६ अगस्त को अनशन करने की  अपील की और दिल्ली पुलिस से जंतरमंतर पर अनशन करने कि अनुमति मांगी जो कि मिली नहीं ....बहुत कहने पर ............पुलिस ने जे पी  पार्क  मे शर्तों कब साथ अनुमति भी दे दी ...जब अन्ना १६ अगस्त को अनशन के लिए जाने को तैयार हो ही रहे थे कि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ............गृहमंत्री जी से पूछने पर कहते हैं मुझे नहीं पता पुलिस का काम हैं ..............इस तरह के वयान देना का क्या मतलब हैं  ............

मैं मुख्य बिंदु पर आता हूँ ............अन्ना और जनता चाहती है कि प्रधानमंत्री जी और जजों को भी लोक पाल के दायरे ने होना चाहिए ..........परन्तु सरकार नहीं चाहती..............सरकार का कहना हैं कि लोकपाल तो प्रधानमंत्री से भी बड़ा हो जायेगा .................मुझे एक बात बताएये जब किसी न्यायधीश कि जाँच होती हैं तो DSP label  का अधिकारी करता हैं क्या वो उस के सर पर चढ़ जाता है .....अपनी जाँच पूरी कर के कोर्ट मे  प्रस्तुत कर  देता है|.............यंहां भी तो लोकपाल  सिर्फ जाँच ही तो करेगा ..फैसला तो कोर्ट को ही करना है......फिर कठिनाई क्या हैं...........

आज हमारा देश भ्रष्टाचार मे बहुत आगे निकल चूका है .............इसे रोकने को कोई भी हल नहीं दिख रहा है..........अन्ना ने लोकपाल को सदन में लाने कि कोशिश कर रहे हैं आज हमारा देश में जो मुख्य समस्या है मंहगाई......बेरोगारी.........इन सब कि जड भष्ट्राचार ही है ...........जब तक हम भष्टाचार पर लगाम नहीं लगाएंगे जब तक कुछ भी हाशिल होना मुश्किल है...................

अगर अन्ना का लोकपाल बिल पास होता है तो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ भ्रष्टाचार पर लगाम लग जायेगी और हमारा देश सबसे विकसित शक्तिशाली...........होगा

मैं  अन्ना को support कर रहा हूँ ...........क्या आप भी support करोगे ?????
वन्देमातरम वन्देमातरम  वन्देमातरम वन्देमातरम
वन्देमातरम वन्देमातरम वन्देमातरम 
भारत मात की  जय 

Sunday, August 14, 2011

आजादी ??????


आज १५ अगस्त २०११ को ६४  वर्ष पूरे हो गये है | इन ६४  साल में हम कितने आजाद हुए है. प्रकाश डालते है|
इस भारत देश के लिये ९ लाख शहीदों ने अपना बलिदान दे दिया इस भारत माँ को जंजीरों से आजाद करने के लिये|
आज हम मँहगाई , भ्रष्टाचार, और अत्याचार ये जूज रहे है, आज हम कन्ही भी सुरक्षित नहीं है. सड़क पर चलना भी आज सुरक्षित नहीं है ....दो पहिया हो या चार पहिया वाहन दिन हो या रात कोइ भी सुरक्षित नहीं है. ..............सोते लोंगों पर पुलिस लाठी बरसाती है बच्चों महिलाओं को भी नहीं छोड़ा जाता....... और हम बात करते हैं आजादी की|
इसी को आजादी कहते है. शहीदों ने ऐसी आजादी दिलाने के लिये बलिदान दिया था???
आज सरकारें ऐसी है जो देश को खोकला कर रही है ...........भ्रष्ठ , गुंडे और दुराचारी राज्य कर रहे है |
पहले विदेशी लोगो ने राज्य को लुटा था अब अपने ही देश के लोग लूट रहे हैं| आजादी मिली अंग्रेजों से पर क्या आप आजाद है ........???? नहीं हम आज भी आजाद नहीं है ............ हम कहते हैं कि हम ने विकास किया हैं ...........क्या विकास किया है???........... हजारों किसान आज भी आत्महत्या कर रहे है कर्ज के कारण, आज भी बच्चे सिग्नलों पर भीख मांगते हैं...... और हम कह रहे हैं कि विकास किया हैं ...........हाँ विकास हुआ है तो उधोगपतिओं को .............गुंडों का ............भ्रष्ट नेताओं का ......आम जनता का नहीं ...........आज हमको लाल बहादुर जैसा प्रधानमंत्री चाहिए जो एक रेल दुर्घटना होने पर आपना इस्थीपा दे दिया...ऐसा नहीं कि देश लूटता रहा और प्रधानमंत्री जी देखते रहे और ऐसा भी नहीं चाहिए कि ये बोल रहा था कि हम आतंक बाद नही रोक सकते|
उ०प्र० आज सबसे असुरक्षित प्रदेश है दिनदहाड़े चोरी लूट हत्यायें हो है और पुलिस तमाशा देखती रहती है क्यूँ कि गूंडो के हाथ में ही तो सत्ता है.|
हम आजादी का ६५ वां जश्न मना रहे है ...........

क्या क्या सपने देखे थे  शहीदों ने, और आज हम उनके सपनों को चूर चूर कर रहे हैं|



Thursday, July 14, 2011

देश की क्या स्थिति हो गयी है ...................................................भष्टाचार के बाद आतंकबादियों की तरफदारी की जा रही है.


देश की क्या स्थिति हो गयी है भष्टाचार के बाद आतंकबादियों की तरफदारी की जा रही है.
राहुल गांधी जिसे देश का प्रधानमंत्री बनाने की सोच रही है सोनिया गाँधी ...........वाही बोल रहा है आतंकवाद को नहीं रोक सकते हम ...........ये बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की आतंकवादीओं को मदत मिल रही है |
 26/11 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की सुरक्षा पर अब तक 31 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है.
मुंबई में फिर से बमब्लास्ट  हो गया ..........लोग मर गए सैंकडों घायल हो गए ...................और  राहुल गाँधी बकवास कर रहा है |

राहुल गाँधी ने कहा की आतंकी घटनाओं को हम नहीं रोक सकते .......१-२ घटनाएँ तो हो ही जाती है 
ये बात कहने से पहले शोचा तक नहीं कि क्या फर्क पडेगा जनता पर ????????

जिसे देश का प्रधानमंत्री बनाने कि सोच रही है कांग्रेश  ........ईसी तरह से रक्षा करेगा जनता कि एक तरफ किशानों का मशीहा बन कर उ० प० मैं पद यात्रा निकली 
वहाँ पर भी के महिलाओं बुजर्गो ने महंगाई है कि बात भी  बात कही तो चप्पी साध गये

कुछ नहीं ये सब नोटंकी उ० प्र० के चुनाब के लिए किया गया .....ये बात कह कर साबित कर दिया कि ये भ्रष्ट ही नहीं बल्कि देश हित के बारे मैं सोचते नहीं है .......ये तो अपने बारे मैं सोचते है............
किशानों को छूट देने कि बजाय विदेशी कंपनीओं को सब्सिटी दी जा रही है ............पेट्रोल डीजल महँगा क्यूँ न करना पड़े जनता जाये भाड में हमको (कांग्रेश ) को क्या????
एसी सरकार कि तो तू तू ..........तू तू .............तू तू तू 



जेल में बंद आतंकी मेहमाननवाजी़ का लुत्फ उठा रहे हैं, जनता उनके किए की सजा भुगत रही है.
जिन आतंकियों ने देश में दिल दहला देने वाले धमाके किए, बेकसूर लोगों की जान ली, वे भारतीय जेलों में बंद सजा का इंतजार कर रहे हैं और  बाहर बैठे उनके साथी उन्हें जेल से छुड़वाने कोशिश और जगह-जगह धमाके करवाकर बदला लेने का प्रयास कर रहे हैं.
खास बात तो यह है कि सरकार इन्हें पालने में अब तक अरबों रुपये खर्च कर चुकी हैं और नतीजा ठाक के तीन पात ही है. इतना ही नहीं इसके बदले देश की जनता को आतंकी अंजाम भुगतने पड़ रहे हैं. ऐसे एक नहीं कई आतंकी हैं जो सरकार मेहमान बने हुए हैं.
संसद पर हमले का दोषी अफजल गुरू
इन आतंकियों सबसे पहले नाम आता संसद पर हमले का दोषी अफजल गुरू का. यह आज भी जेल में है. अभी भी वह फांसी का इंतजार कर रहा है. इसकी दया याचिका 2005 से लंबित है. आलम यह है कि जिस दिन अफजल की दया याचिका राष्ट्रपति सचिवालय पहुंची, उसे तत्काल गृह मंत्रालय भेज दिया गया.
वहां से उसे दिल्ली सरकार को भेज दिया गया और डेढ़-दो सालों तक दिल्ली सरकार ने इस संबंध में एक बैठक तक नहीं की. बाद में जब यह बात सामने आई, तब आनन-फानन में दिल्ली सरकार ने फाइल आगे बढ़ाई. इसके नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं.
अफजल गुरू पर सरकार के कितने पैस खर्च हुए इसका कोई सरकारी आंकड़ा मौजूद नहीं है. पर अनुमान है कि तिहाड़ जेल में बंद इस शाही आतंकी पर कई लाख खर्च हो चुके हैं.

आतंकी कसाब
कसाब को हत्या, देश के खिलाफ जंग छेड़ना, हत्या में सहयोग देने और गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई. लेकिन अभी तक फांसी नहीं दी गई है.

कसाब पर अब तक 31 करोड़ फूंके
महाराष्ट्र सरकार 26/11 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की सुरक्षा पर अब तक 31 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है.
कसाब की सुरक्षा पर हर रोज़ करीब 8.5 लाख रुपये खर्च किया जा रहा है. जबकि महाराष्ट्र सरकार प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा पर एक साल में महज 186 रुपये ही खर्च कर रही है.

अत्याधुनिक हथियारों और संचार उपकरणों से लैस आईटीबीपी के करीब 200 कमांडो 24 घंटे कसाब की सुरक्षा में लगे हैं.

लश्कर ए तैय्यबा का आतंकी मुहम्मद आरिफ
1993 के मुम्बई सीरियल बम कांड में करीब 200 से अधिक निर्दोष लोगों की मौतों के जिम्मेदार और 700 से अधिक लोगों को घायल करने वालों को सजा नहीं हो पाई है.
इस बम कांड के 13 साल बाद कोर्ट का फैसला आया, तो दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी जहां अब भी इस केस पर सिर्फ सुनवाई चल रही है.

2002 में अक्षरधाम मंदिर पर हमलावरों को फांसी देने का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

2005 में दीपावली के मौके पर दिल्ली के बाजारों में खुशियों के बदले मौत बांटने वालों की भी अभी सुनवाई चल रही है.
2006 में मुम्बई लोकल ट्रेनों में विस्फोट करने आतंकियो को सजा मिलने में भी अभी देरी है.


Wednesday, June 29, 2011

पाक को अपनी औकात समझ में आयी


पाक को अपनी औकात समझ में आयी

आखिरकार पाकिस्तान को अपनी औकात समझ में आयी ही गयी|
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री अहमद मुख्तार ने कहा की हम भारत का मुकाबला नहीं कर सकते है, और भारत की बराबरी करने में असमर्थ है |
एबटाबाद हमले जैसी कोशिश करने पर भारत को सबक सिखाने की धमकी देना वाले पाकिस्तान की जुबान पर सचाई आ ही गयी, पाकिस्तान ने मान लिया है की सैन्य ताकत में पाक भारत की बराबरी नहीं कर सकता, भारत की अर्थव्यवस्था पाक से ६ से ७ गुना जादा है|

ये पाकिस्तान जब औकात समझ आ गए है तो सुधर जा........वरना मानचित्र से पाकिस्तान का नाम  मिट जायेगा|

वन्देमातरम !
जय भारत  

Saturday, April 16, 2011

लाचार प्रशासन

कलक्ट्रेट या बसपा कार्यालय डॉ. बीआर अंबेडकर की जयंती पर गुरुवार को बसपा कार्यकर्ताओं ने कलक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर पार्टी का झंडा फहरा दिया। प्रशासनिक और पुलिस महकमे के अधिकारी दिनभर कलक्ट्रेट में आते-जाते रहे पर किसी ने भी इस झंडे को उतरवाने की जहमत तक नहीं उठाई। 


एक बार फिर प्रशासन ने अपने ऊपर दाग लगा ही लिया |
15-04-2011 को अम्बेडकर जी के जन्मदिन पर भूल गया सब कुछ |
कानून सिर्फ आम जनता के लिये हैं, आगरा में पोलीथिन पर रोक है, और जो इस्तमाल करेगा उस पर जुर्माना भी हैं और ये सबसे अच्छा भी हैं, लेकिन ये क्या बसपा ने पुरे शहर में पोलीथिन के झण्डे लगा दिए और नगर आयुक्त आँखें बंद किये हुए हैं आज फिर प्रशासन सत्ता का गुलाम हो गया किसी को कुछ नहीं दिख रहा | 
ये भी यकीन दिला दिया की कानून सिर्फ जनता के लिये हैं सत्ताधारियों के लिये नहीं |
दैनिक जागरण के कमरे में कैद जिलाधिकारी कार्यालय कि तस्वीर ...... जिस में पार्टी के झंडे को लगा दिया गया और किसी कि हिम्मत नहीं हुयी उसे हटा दे | लगता हैं लाचार हैं प्रशासन

मेरे कुछ सवाल ...................................................................???????????
१. क्या कानून आम जनता के लिये हैं, सत्ताधारीओं के लिये नहीं???????????
२. क्या प्रशासन को कोई एक्शन नहीं लेना चाहिए?????
३. इस में गलती किस की हैं ????

Sunday, March 13, 2011

ये क्या कर रही है मायावती


ये क्या कर रही है मायावती
मायावती जी तो भष्टाचार को बढाने में लगी हुयी हैं,
निकाय चुनाव में परिवर्तन करने के लिये बहुत व्याकुल हैं, अरे उन्होंने तो राज्यपाल को प्रस्ताव भी भेज दिया|
मायावती चाहती हैं कि निकाय चुनाव में नगर पंचायत अध्यक्ष और शहर में मेयर को जनता नहीं चुने, अर्थात प्रजातंत्र नहीं हो, वो चाहती है कि वार्ड मेम्बर और पार्षद चुने, चेयरमैन और मेयर को | जिससे चेयरमैन बनने के लिये वार्ड मेम्बरों को आसानी से खरीदा जा सके जैसा जिलापंचायत के चुनाव में होता है|
क्या निकाय चुनाव में परिवर्तन होना चाहिए?????????
मेरे अनुसार नहीं, क्यू कि मेयर और चेयरमैन को जनता चुने ये प्रजातंत्र है उसे स्वतंत्रता होनी चाहिए मेयर और चेयरमैन को चुनने की|
क्या ये भ्रष्टाचार को बढावा नहीं होगा???????????
हाँ ये भ्रष्टाचार को बढाएगा|
Example
खेरागढ़ में १२ बार्ड है चेयरमैन बनने के लिए उसे १२ में से ७ को खरीदना है और वो चेयरमैन बन जायेगा| 



Saturday, February 12, 2011

मायावती का शर्मनाक सच..............................



मायावती का शर्मनाक सच.................................
सार्वजनिक स्थानों पर जूती साफ कर रहे पुरस्‍कृत अधिकारी
8 फरवरी 2011

मायावती का सच आप के सामने आ ही गया जब एक DSP RANK का व्यक्ति मायावती की जूती  साफ करता नजर आया 
पहले सुनने में आता था कि मायावती आई ए एस  अधिकारियों से बत्तमीजी से पेश आती है और उनसे जूते साफ कराती है तो विश्वास करना मुश्किल होता था पर ८ तारीख की  घटना ने यकीन करा  दिया कि मायावती की सोच कितनी गिरी हुई है पहले मायावती कहा करती थी तिलक तराजू और तलवार जूते मारो इनमें चार ये बात भी सिद् कर दी मायाबती ने|

८ फरबरी को उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती हेलीकॉप्टर से उतरीं तो उनकी जूती पर धूल की परत चढ़ गई. फिर क्या था उनकी सुरक्षा में तैनात अधिकारी ने जेब से रुमाल निकाला और मैडम की जूतियों की सफाई कर दी.  मैडम को भी कोई फर्क नहीं पड़ा. वे अपनी जूतियां साफ कराती रहीं.और  न ही किया उम्र का लहजा....... 
पदम सिंह डीएसपी हैं और 1994 से मायावती सी सुरक्षा में तैनात हैं. खास बात ये कि पदम सिंह को उत्कृष्ट सेवा मेडल भी मिला हुआ है. ये अलग बात है कि उस सेवा मेडल से इस सेवा-भाव का कोई ताल-मेल नहीं दिखाई पड़ता|

देश की हालत क्यूँ खराब हो रही है साफ दिखेने लगी है मेरे पिछले ब्लॉग मैं था कि
प्रशासन एक स्वतन्त्र होता है जिसपर शासन का कोई भी दबाब नहीं होता है परतु .........
चमचा बन गए है IAS,IPS......... अधिकारी. जिसकी सत्ता उसकी बोली बोलते है .
प्रशासन कितना नीचे गिर गया है ये आप जानते हैं पर ये कितना और गिरना चाहते हैं ये नहीं जानते कानून चलाने  बाले कानून का दूप्रयोग कर रहे है और हम देख रहे हैं तमाशा.........
ये बात भी सावित  हो गयी है,
आज उत्तर प्रदेश  सभी समस्याओं से जूझ रहा है| आज दिन मे चलते वाहन लूट रहे हैं, लड़किओं (महिलाओं ) का अकेले जाना बड़ा मुश्किल हो रहा है बलात्कार कि घटनाएँ बड़ रही हैं, दिन दहाड़े एक बसपा विधायक एक इंजीनियर को उसी के घर में गोली मार देता है, एक सरकारी अफसर आत्महत्या करता है और सोसाईट नोट मे लिखकर जाता है कि मुख्यमंत्री के जन्मदिन के लिये पैसा एकत्रित कर न पाने पर उसे परेशान करने से तंग आकार ऐसा कदम उठा और उन नेताओं और अफसरों के भी नाम लिखे  (इंडिया टुडे में प्रकाशित ), इससे जादा शर्मनाक बातें और क्या होगी ????????????
मायावती की  सोच कितनी घटिया है अंदाज लगाना बड़ा मुश्किल हो रहा है.....................
और  हम इसी सोच बाले लोगों को अपना राजा (नेता) चुनते हैं ऐसा लगता है कि इनसे जादा सोच हमारी गिरती जा रही है 
हमें बदलने कि जरुरत है..................................

Thursday, February 3, 2011

एक सच.......................................................... प्रशासन का

                          एक सच.......................................................... प्रशासन का
प्रशासन एक स्वतन्त्र होता है जिसपर शासन का कोई भी दबाब नहीं होता है परतु .........
चमचा बन गए है IAS,IPS......... अधिकारी. जिसकी सत्ता उसकी बोली बोलते है .
प्रशासन कितना नीचे गिर गया है ये आप जानते हैं पर ये कितना और गिरना चाहते हैं ये नहीं जानते कानून चलाने  बाले कानून का दूप्रयोग कर रहे है और हम देख रहे हैं तमाशा.........
सांसद राम शंकर कठेरिया ने जिला अधिकारी से ३ दिन पहले ही कानून, बिजली पानी और अपराधिक घटनाओ का  बढ़ाना ऐसी गंभीर समस्यों को कैसे रोका जाये जिसके लिए  ज्ञापन देने के लिए समय माँगा और डीएम ने २८ जनवरी २०११  को ज्ञापन लेने का समय दिया , पहले से ही सूचना अनुसार २८ को ज्ञापन देने डीएम ऑफिस जाने लगे अपने कार्यकर्ताओं के साथ जिसमें जनता भी बीच में से ही शामिल हो क्यों  कि जनता के लिए  ही तो  ये  लड़ाई   लड़ने जा  रहे  हैं  सांसद  जी ,परन्तु  सांसद  और उनके  सहयोगी कायकर्ता को भारी पड़ गयी  है ये लड़ाई................
जब  ज्ञापन देने जारहे थे तो पुलिस ने उन्हें  रोकने का प्रयास   करने लगी सभी ने बताया कि हम अनुमति ले चुके हैं पर दरोगा ने नहीं सुनी  ,जनता रोष  में थी  SP सिटी ने भी पुलिस  बल लगा दिया, ज्ञापन लेने  नहीं आये DM और ऑफिस से बिना बताये निकाल गए कार्यकरता इंतजार कर रहे  थे पर पुलिस  प्रशासन  ने कार्यकर्ताओं   के साथ हतापाइ  कर दी जिससे जनता बड़क गए और दरोगा के साथ खिचातानी हो गइ 
( जैसा  कि मैंने  कहा  प्रशासन  ने ऐसा  इसलिए  किया  क्यूँ  कि मायावती  ने कहा  था  क्यूँ  कि अकेले  सांसद है BJP का और उसने  चर्बी  कांड  से लेकर  जनता के लिए  सड़क  पर उतर जाना   जिस से उसे  यंहा  आगरा  में से सपोट  कम दिखाए   दे  रहा  है 2011 के चुनाव  के लिए , वो  जानती  है कि अपराध  तो बड़ा  है क्यों  कि आशय  जो  \मिला  हुआ  है अपराधिओं को  ),
और सांसद  और समथको  के खिलाप  झूठे   और बेबुनियाद   रिपोर्ट  (3 FIR) दर्ज  कर दी और कहने  लगे कि सांसद  कि बजह  से लाइफ  लाइन रुक  गए   जाम   लग  गया  शहर  में, मैं  पूछता  हूँ  प्रशासन   से कल  02-02-11 को मायाबती  के आने  पर पूरा  शहर   में आपने  व्यवस्था  कि फिर  भी लाइफ  लाइन रुकी  जाम   लगा अब  किस के खिलाफ  रिपोर्ट  दर्ज  करोगे  मायावती  के, DM,DIG........... किसके  ????????????////

Thursday, January 20, 2011

गणतंत्र दिवस पर दो शब्द........मत करो ये नोटंकी.................................

२६ जनवरी १९५० से आज २६ जनवरी २०११ अर्थात ६१ वर्ष पूर्ण हो गए और ६२ वाँ गणतंत्र दिवस मनाएंगे . परन्तु क्या हम जानते है इस  दिन का मतलब ????
मरे अनुसार नहीं....................
क्यूँ कि आज के दिन अर्थात २६ जनवरी को संबिधान लागू हुआ था आज के दिन से हमने नयी शुरुआत कि थी.
परन्तु आज सबसे उच्च पद पर होने के बाद भी अपने संबिधान कि अह्बेलना  किये जारहे है, १०-१२-२००७ को समाचार पत्र में पकाशित खबर  में  प्रधानमंत्री और सोनिया गाँधी के खिलाप आदर्श संहिता का उल्लंघन का आरोप था. आँखों के सामने भर्ष्टाचार होता रहा, उच्च पद  पर होने पर भी किसी विशेष को लाभ देना,
आज के  बच्चों को राष्ट्रीय गान ओर  गीत के बारे में नहीं पता १५ अगस्त और २६ जनवरी को स्टुडेंट (विद्यार्थी ) स्कूल नहीं जाते ,
मैं १५ अगस्त २०१० को एक न्यूज़ चैनल पर देखा कि एक रिपोर्ट शहर में रास्तों पर लोगों से पूछता है  राष्ट्रीय गान क्या है और  किसने लिखा तो १० में से २ बता पाए .कितने राज्य है, राजेंद्र  प्रसाद , लाल बहादुर शास्त्री , सुभाष चन्द्र बोस को जानते भी नहीं थे फिर क्या फायदा औपचारिकता (formality) पूरी करने से. जब किसी को कदर ही नहीं तो मत  करो ये नोटंकी    गए लाल किले  पर झंडा फहरा दिया और हमारा काम खत्म   मत करो .............................
आज हम सभी भाग रहे है पर रास्ता नहीं पता......................भागे ही जा रहे है........... ....................................................................... पता नहीं किस के पीछे भाग रहे है ?????????????????????????/
आज हमें हिंदी बोलने पर भी शर्म आती है क्यूँ ??????????????????????//

गणतंत्र दिवस मानना है तो कम से कम अपने संबिधान कि कदर करो हिंदी बोलने मैं शर्म नहीं फक्र महसूस करो .
जिस देश को जिस के लिए जाना जाता है अपने संस्कार संस्कृति को बचाओ पश्चात के पीछे  मत भागो मत भागो ..............

Saturday, January 15, 2011

बूड़े माँ बाप के साथ......................................?????????


 १४  जनवरी का प्रवास 
पुरानी कहावत सिद्द हुए की एक बाप १०० की प्याश भुजा सकता हैं पर १०० एक की  प्याश नहीं  भुजा सकते 


मेरा  १४  जनवरी  को मेरा कुछ व्यकियों   के साथ सेक्टर १० में स्थित वर्द्ध आश्रम में जाना हुआ पर वंहा आखों में आशुं नहीं रुके 
 एक ही बात बार बार आती रही
क्या हमारे संस्कार कमजोर हो गए हैं की आज हम आपने माँ बाप के साथ ऐसा व्यवहार करते हैं की  आँखे शर्म से झुक जाती हैं
पर हमें संस्कार कमजोर नहीं ये बात भी वंहा  साबित हो गए जब देखा कि
अपने पिता की इच्छानुसार  वर्द्ध आश्रम में बुडे माँ बाप जिन को अपने घर से ही निकाल दिया हो उनकी सेवा कर रहा  हैं और वह भी बिना किसी बाहरी सहायता के .
उन्होंने अपनी सरकारी नोकरी छोड़ कर सेवा करने का फैसला लिया
वाकए सबसे वडा धर्म यही है.
पर ......................................................................
जब वंहा एक बूड़ी माँ से मिला जो की कुछ ही दिन की मेहवान  हैं वह एक ADRA की माँ थी उनका बेटा एक बहुत बड़ा अफसर है
पर.......................  अपनी माँ की सेवा करने में असमर्थ वह क्या देश कि सेवा करेगा ?
कइ से बात हूँ सभी का कहना यही था की भगवान किसी को ऐसी औलाद नहीं दे पूरा जीवन अपने बच्चों की जरूरतें पूरी की और जब हमें उनकी आवश्यकता हैं तब हमें क्या मिला अपने  ही बेटों ने बहार निकाल दिया ............








Sunday, January 9, 2011

भारत का अस्तित्व खतरे में--------------------------------

आज समाज में जतिबाद और भष्टाचार  जिस तरह से बढ रहा है उस से तो यही कह सक ते है की भारत का अस्तित्व खतरे में है.   सभी जतिबाद को मान्यता दे रहे है.
एक तरफ राष्ट्रीय  स्वयं सेवक संघ परिवार जतिबाद को समाप्त करने की कगार पर था, अर्थात समाज से जातीबाद को कम करते हुए एकता के बंधन में  बांधने में  सफल होता नजर आ रहा था परन्तु जतिबाद फिर से हाभी हो गया. और RSS की मेहनत पर पानी फिरता नजर आने लगा .
आज जिस प्रकार राजनैतिक दल जतिबाद को बढावा दे रहे है जिससे तो केबल भारत का अस्तित्व खतरे में ही दिखाए देता है .
आज RSS पर प्रतिबन्ध लगाने की कोशिश की जारही है .
आज राहुल जो कि हिन्दी  भी ठीक से बोलने में असमर्थ है  और कहते हैं की हिन्दू और भगवा को आतंकवादी और उसे  प्रधानमंत्री बनाने की सोच रहे है
 क्या जाने भारत की संस्कृति के बारे में राहुल जी जिन्होंने विदेश में अपना अब तक का समय गुजरा हो.

भष्टाचार की कहें तो सबसे बड़े भष्टाचार अभी अभी हुआ है जिसकी जानकारी सभी को है.
और आप सभी जानते है की किस प्रकार हमारे देश का प्रधानमंत्री जानकर भी अन जान बने रहे. क्या यह प्रधानमंत्री जी को शोभा देता है ? 
मेरा मत है प्रधानमंत्री जी को चुप नहीं रहना चाहिए ....

जब देश का प्रधानमंत्री ही  ऐसा करेगा  तो देश के अस्तित्व खतरा तो होगा ही  .