Saturday, August 10, 2013

टोपी पर सियासी जंग

आज(09-08-13) आज तक चैनल पर टोपी पर चल रही बहस सुन रहा था
आदमी किस हद तक गिर सकता है आज उस बहस को देखा कर पता चला | मीडिया में नरेंद्र मोदी जी द्वारा सदभावना के कार्यक्रम में टोपी न पहने पर काफी विवाद हुआ वही विवाद आज जब शिवराज सिंह चौहान ने ईद पर टोपी पहन ली जिस पर हमारे अभिनेता रजा मुराद ने विना नाम लिए मोदी पर ऊँगली उठा दी ....... यंहा तक बात समझ आगई परन्तु गुस्सा तब आया जब महबूब अली चिश्ती राष्ट्रीय चैनल पर सार्वजानिकतौर पर मोदी को गुंडा हत्यारा कह डाला हो सकता  है की महबूब अली की नजर में वो हत्यारा हो मान लेते है लेकिन मैं उससे पूछता हूँ वो इस बात को सार्वजानिक तौर पर सिद्ध करे की मोदी गुंडा है हत्यारा है. जब मोदी हत्यारा और गुंडा था तो टोपी और साल लेकर क्यूँ पहुंचा था सदभावना के कार्यक्रम में|
इस बात पर आचार्य श्री धर्मेन्द जी ने विरोध भी किया और उन्होंने कहा गोदारा के लिए गुंडा और हत्यारा वोल रहे हो तो  दाउद, अफसल गुरु, कसाव ...... आदि को गुंडा बोलो  ये तो इंसानियत के हैवान है बोलिए महबूब अली ........... लेकिन चिश्ती की इतनी मजाल की वो इनको गुंडा वो सके |
एक और बात कही की जब ट्रेन में आग लागयी तब कन्हा थे चिश्ती ...... क्या उस में लोग नहीं मरे ...........?
                अगर मोदी टोपी न पहने तो भूचाल आजाता है .............. कहते है की सभी का सम्मान करो .....
मैं पूछता हूँ क्या टोपी पहनकर ही सम्मान किया जाता है बिना टोपी के सम्मान नि किया जा सकता ?
अरे ओ ठेकेदारों जब वंदेमातरम् का अपमान होता रहा तो कन्हा थे तुम ?..... वो भी संसद के अन्दर मैं पूछता हूँ अगरा वो कुछ मिनट खड़ा रहता तो उस सांसद की कों सी जागीर लुट जाती ...... जब उसने सांसद बनने के बाद शपथ ली थी की वो विधि द्बारा विधान संबिधान की रक्षा करेगा तो क्या हुआ वंदेमारम राष्ट्रगीत है वो भी संबिधान के अंर्तगत आता है?   मजे की बात तो ये है की राज्यसभा में एक सांसद ने पाकिस्तान मुर्दावाद कह दिया तो उस को नोटिस दे दिया गया है वाही पाकिस्तान जिस ने अभी हमारे सैनिकों के सर काट दिये थे जिस ने अभी  हाल में ५ सैनिकों को मार दिया है |
    जयकान्त पाराशर
jkparashar.blogspot.com


Tuesday, August 6, 2013

आखिर कब तक ................ चलेगा ये सब

         वंदेमातरम् समर्थकों को पूजा पाठ करने के लिए भी .......... राष्ट्रपति को गुहार लगानी पड़ रही है |
आगरा के गुलचमन शेरवानी ने आगरा के जिला अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम पत्र दिया जिस में गुहार लगायी है की उनको ईद के दिन नमाज पड़ने दिया जाये ..........
आप जानते है कसूर क्या है जिस की बजह से इनको और इनके परिवार को मुस्लिम समाज इन के साथ ये व्यवहार कर रहा है ?.........  इन का कसूर ये है की इन होने मौलबी साहव का फ़तवा मानने से इनकार कर दिया जिस में वन्देमातरम का विरोध किया गया ............ जिस के कारन इस भारत प्रेमी मुस्लमान को मुस्लमान समाज के प्रकोप का सामना करना पड़ रहा है ....... जब वो नमाज अदा करने गए तो उनको नहीं करने दिया गया और साथ मैं मारपीट कर दी .............

मैं हर समाज के ठेकेदारों से पूछना चाहूँगा की ...... आखिर वंदेमातरम् पर प्रतिबंध क्यूँ .......... ?
ऐसा क्या है जिस के कारण वंदेमातरम् वोलने की अनुमति नहीं देता मुस्लिम समाज ............?
संसद के अन्दर वंदेमातरम् का अपमान हो जाता है और हम मोम के पुतले बनने रहे  क्यूँ ??
जो वंदेमातरम् का विरोध करे क्या उसे एस भारत देश में रहने का अधिकार होना चाहिए ???  


आज वंदेमातरम् का अपमान किया है  
कल राष्ट्रगान का होगा  
और 
संबिधान का अपमान तो हर दिन होता है

आखिर कब तक ................ चलेगा ये सब 



*******वंदेमातरम्....................................................................वंदेमातरम् *******