मात्र ५० रुपये में पट्टा लाखों की सरकारी जमीन का
RTI ने आगरा की खेरागढ़ तहसील की खोली पोल
तहसील चारदीवारी के अन्दर की जमीन का आवासीय पट्टा कर दिया गया
सांठ गाँठ कर उपजिलाधिकारी ने रखे नियम ताक पर
शासन से आई शिकायत पर प्रशासन में हडकंप
२४/०७/२०१२ को रहे तत्कालीन तहसीलदार ने जेड ए एक्ट की धारा ११५ पी के तहत निरस्त करने के लिए आख्या प्रेषित कर चुके है परन्तु ............
खेरागढ़ तहसील मुख्यालय परिसर में गाटा संख्या ३२४ के रकवा ०.००६ पर तत्कालीन उपजिलाअधिकारी बी के अग्रवाल ने मंजू देवी पत्नी प्रदीप कुमार नि० खेरागढ़ को आवासीय पट्टा आवंटित किया जिसकी कार्यवाही २१अगस्त २०११ को पूर्ण की गयी जिसका आवंटन उपजिलाधिकारी ने ५० रुपये की रसीद पर कर दिया जिसमे अधिशासी अधिकारी लेखपाल कानूनगो व् तहसीलदार की रिपोर्ट के बाद आवंटित किया गया
१ उपजिलाधिकारी को नगर पंचायत सीमा के अंतर्गत जमीन पट्टा आवंटन का अधिकार नहीं है|
२ सूचना के अधिकार से मांगी गयी पत्रावली में नगर पंचायत के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी ने इस प्रकार के किसी भी पट्टे की कार्यवाही से इंकार किया|
३ अधिशासी अधिकारी की रिपोर्ट कम्पुटर से पेज के सबसे नीचे प्रिंट की गयी है और बाकि सभी कानूनगो तहसीलदार की रिपोर्ट हैण्ड राइटिंग में है|
४ जब सूचना के अधिकार से मांगी गयी तहसील से पत्रावली के सभी पेज के अध्यन से चला की वो दुसरे पेज पर से प्रिंट की गयी है वही शब्द और हस्ताक्षर को स्कैन द्वारा वंहा प्रिंट किया गया है |
५ २४-०७-२०१२ को तत्कालीन तहसीलदार ने जेड ए एक्ट की धारा ११५ पी के अंतर्गत निरस्त किये जाने के सम्बन्ध ने आख्या प्रेषित कर चुके है परन्तु किसी वरिष्ठ अधिकारिओं ने कोई भी एक्शन लेना उचित नहीं समझा|
शिकायत कर्ता ने जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्रीजी को पत्र भेजकर अधिकारिओं की शिकायत की जिसके बाद शासन से आई जाँच रिपोर्ट के बाद अधिकारिओं में हडकंप मचा हुआ है| प्रेस वार्ता में शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया है की भूमाफियाओं की सांठगाँठ से अवैध रूप से किया गया है| तहसील के अधिकारिओं ने जाँच रिपोर्ट भेज दी है जिसमे पट्टे की कार्यवाही को अवैध बताया गया है | उपजिलाअधिकारी उमाशंकर का कहना है की जाँच रिपोर्ट भेज दी गयी है| इस पुरे मामले की जांच एडीऍम राजकुमार कर रहे है| शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया है है सत्ता पक्ष के नेताओं से जाँच अधिकारिओं पर दवाव बनाकर जाँच को प्रभावित किया जा रहा है जिसकी पैरवी जिसकी सत्ता उसके दल में रहने वाले सफेदपोश कर रहे है जिसकी बजह से २ महीने बीत जाने पर भी जाँच प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर पाये है अधिकारी कछुआ की चाल से पठकथा लिख रहे है
जाँच के बिंदु :-
१ अगर अधिशासी अधिकारी ने रिपोर्ट नहीं लगायी तो किसने लगायी
२ इस खेल में कोण कोण शामिल है
३ उपजिलाअधिकारी से गलती हुयी या जानबूझकर किया |
३ अगर उपजिलाधिकारी ने ये जानबूझकर किया तो क्या था उनका स्वार्थ |
४ इस पुरे मामले को एक स्थानीय जनप्रतिनिधि पैरवी कररहा है आख़िरकार क्यूँ?
५ क्या और भी खेलखेले जा रहे है तहसील परिषद् के अन्दर |
RTI ने आगरा की खेरागढ़ तहसील की खोली पोल
तहसील चारदीवारी के अन्दर की जमीन का आवासीय पट्टा कर दिया गया
सांठ गाँठ कर उपजिलाधिकारी ने रखे नियम ताक पर
शासन से आई शिकायत पर प्रशासन में हडकंप
२४/०७/२०१२ को रहे तत्कालीन तहसीलदार ने जेड ए एक्ट की धारा ११५ पी के तहत निरस्त करने के लिए आख्या प्रेषित कर चुके है परन्तु ............
खेरागढ़ तहसील मुख्यालय परिसर में गाटा संख्या ३२४ के रकवा ०.००६ पर तत्कालीन उपजिलाअधिकारी बी के अग्रवाल ने मंजू देवी पत्नी प्रदीप कुमार नि० खेरागढ़ को आवासीय पट्टा आवंटित किया जिसकी कार्यवाही २१अगस्त २०११ को पूर्ण की गयी जिसका आवंटन उपजिलाधिकारी ने ५० रुपये की रसीद पर कर दिया जिसमे अधिशासी अधिकारी लेखपाल कानूनगो व् तहसीलदार की रिपोर्ट के बाद आवंटित किया गया
१ उपजिलाधिकारी को नगर पंचायत सीमा के अंतर्गत जमीन पट्टा आवंटन का अधिकार नहीं है|
२ सूचना के अधिकार से मांगी गयी पत्रावली में नगर पंचायत के तत्कालीन अधिशासी अधिकारी ने इस प्रकार के किसी भी पट्टे की कार्यवाही से इंकार किया|
३ अधिशासी अधिकारी की रिपोर्ट कम्पुटर से पेज के सबसे नीचे प्रिंट की गयी है और बाकि सभी कानूनगो तहसीलदार की रिपोर्ट हैण्ड राइटिंग में है|
४ जब सूचना के अधिकार से मांगी गयी तहसील से पत्रावली के सभी पेज के अध्यन से चला की वो दुसरे पेज पर से प्रिंट की गयी है वही शब्द और हस्ताक्षर को स्कैन द्वारा वंहा प्रिंट किया गया है |
५ २४-०७-२०१२ को तत्कालीन तहसीलदार ने जेड ए एक्ट की धारा ११५ पी के अंतर्गत निरस्त किये जाने के सम्बन्ध ने आख्या प्रेषित कर चुके है परन्तु किसी वरिष्ठ अधिकारिओं ने कोई भी एक्शन लेना उचित नहीं समझा|
शिकायत कर्ता ने जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्रीजी को पत्र भेजकर अधिकारिओं की शिकायत की जिसके बाद शासन से आई जाँच रिपोर्ट के बाद अधिकारिओं में हडकंप मचा हुआ है| प्रेस वार्ता में शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया है की भूमाफियाओं की सांठगाँठ से अवैध रूप से किया गया है| तहसील के अधिकारिओं ने जाँच रिपोर्ट भेज दी है जिसमे पट्टे की कार्यवाही को अवैध बताया गया है | उपजिलाअधिकारी उमाशंकर का कहना है की जाँच रिपोर्ट भेज दी गयी है| इस पुरे मामले की जांच एडीऍम राजकुमार कर रहे है| शिकायत कर्ता ने आरोप लगाया है है सत्ता पक्ष के नेताओं से जाँच अधिकारिओं पर दवाव बनाकर जाँच को प्रभावित किया जा रहा है जिसकी पैरवी जिसकी सत्ता उसके दल में रहने वाले सफेदपोश कर रहे है जिसकी बजह से २ महीने बीत जाने पर भी जाँच प्रक्रिया पूर्ण नहीं कर पाये है अधिकारी कछुआ की चाल से पठकथा लिख रहे है
जाँच के बिंदु :-
१ अगर अधिशासी अधिकारी ने रिपोर्ट नहीं लगायी तो किसने लगायी
२ इस खेल में कोण कोण शामिल है
३ उपजिलाअधिकारी से गलती हुयी या जानबूझकर किया |
३ अगर उपजिलाधिकारी ने ये जानबूझकर किया तो क्या था उनका स्वार्थ |
४ इस पुरे मामले को एक स्थानीय जनप्रतिनिधि पैरवी कररहा है आख़िरकार क्यूँ?
५ क्या और भी खेलखेले जा रहे है तहसील परिषद् के अन्दर |