जरदारी का जोरदार स्वागत हुआ और होना भी चाहिए ..............................क्यूँ कि अथिति देवो भव:|
मैं कुछ बिन्दुओं पर प्रकाश डालना चाहता हूँ .......
एक बात समझ नहीं आई मीडिया ने बड़ी खवर के रूप में दिखाई
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रविवार अपराह्न् राजस्थान के अजमेर शहर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चादर चढ़ाई और अमन-चैन के लिए जियारत की। इस खवर में खास क्या है ....हाँ बड़ी खवर होती जब पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी ने रविवार अपराह्न् राजस्थान मंदिर या गुरुद्द्वारे में अमन-चैन के लिए दुआ की |
जरदारी ने दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर का दान भी दिया। दरगाह के खादिम (संचालक) जीशान कप्तान ने कहा, "राष्ट्रपति जरदारी ने यहां जियारत की और दरगाह के लिए 10 लाख डॉलर (करीब पांच करोड़ रुपये) दान दिए।
कप्तान के मुताबिक गरीब नवाज के नाम से मशहूर सूफी संत के दरगाह में जरदारी और उनके पुत्र बिलावल ने 10 मिनट बिताए। यहां उन्होंने जेब में रखी कुरान की कुछ आयतें पढ़ीं। पिता-पुत्र ने पाकिस्तान से लाई गई चादरें चढ़ाईं। इसके बाद खादिम ने दोनों को उपहार भेंट किए।
जिस देश का पालन पोषण....अमेरिका करता हो .........जिस के खुद खाने के लाले हो ....जो सबसे बड़ा भिखारी हो ................वो पांच करोड़ रुपये किसी दरगाह को दे जाता है......इस बात से क्या अंदाजा लगाया जाए कि जरदारी कि भारत यात्रा दोस्ती के लिए थी नहीं ....................यंहा के मुसलमानों के मन में पाकिस्तान के प्रति हमदर्दी पैदा करने के लिए थी जिस से वो उनका फायदा उठा सके |
पहले से तय पाकिस्तान से लायी गयी चादरें ...............क्या था ये ..........सिर्फ एक षडयंत्र |