आखिर नेता ही क्यूँ..............................??????????????
हम सभी राजनेताओं को कोसते है, उन्हें भ्रष्टाचारी कहते है और गालियाँ भी देते है........ये सब कहीं हद तक सही भी है लेकिन मेरे अनुसार सारा कसूर नेताओं को देना ठीक नहीं है ....................
हम नेताओं को भ्रष्टाचार के लिए जादा कोसते है ....................
एक बात बताइये ...................................???
एक बात बताइये ...................................???
कोई भी जनप्रतिनिधि अपनी मर्जी से Rs1 को नगद (cash) नहीं करा सकता बिना किसी प्रशासनिक अधिकारी की मर्जी के खिलाफ..............ये बात आप सभी अच्छी तरह से जानते है उदाहण के लिए ............
हम किसी भी विभाग कि बात करें तो वहाँ एक जनप्रतिनिधि व् एक प्रशासनिक अधिकारी होता है (उदाहरण) नगर पंचायत में जनप्रतिनिधि अध्यक्ष जो कि जनता चुनती है और प्रशासनिक अधिकारी अधिशासी अधिकारी (E.O) होता है जो कि एक शिक्षित अधिकारी होता है जो परीक्षा पास कर पद पर पहुँचता है ।
ये व्यवस्था संबिधान में भ्रष्टाचार को मद्दे नजर रखते हुए दी गई थी ......लेकिन आज ऐसा नहीं है आज नेता और प्रशासनिक अधिकारी दोनों मिलकर मजे उड़ा रहे है ...........लेकिन गाज सिर्फ नेताओं पर गिरती है ऐसा क्यूँ ?????
आईएएस(IAS) जो कितना शिक्षित होता है वो भी नेताओं के साथ गठवन्धन कर लेते है ........अपने थोड़े से फायदा के लिए नेताओं को करोंड़ों रुपये का घोटाला करने देते है उदाहरण कई मंत्री जेल जा चुके है परन्तु कोई भी प्रशासनिक अधिकारी के खिलाफ जाँच क्यूँ नहीं हो रही जिन्होंने राजा जैसे भ्रष्टाचारी की मदत की थी और उनको रास्ता दिखाया था किस तरह से घोटाले करने है ......मेरे अनुसार सारे रास्ते व् किस तरह से लूटना है देश को दिखाने वाले प्रशासनिक अधिकारी ही होते है ..................... तो दोषी सिर्फ नेता क्यूँ???????
अगर प्रशासन अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निर्वाह करे तो किसी भी नेता की हिम्मत नहीं है कि घोटाले कर सके ।
जागो भारत जागो !!!!!!!
अगर प्रशासन अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निर्वाह करे तो किसी भी नेता की हिम्मत नहीं है कि घोटाले कर सके ।
जागो भारत जागो !!!!!!!