आज पूरा देश अन्ना को वर्तमान का गांधी मान रहा है , मैं तो कहता हूँ अन्ना आज के गांधी ही हैं|
आजादी के बाद सबसे बड़ी लड़ाई जो लड़ रहे हैं और वो भी गांधी जी के पग चिन्हों पर | अन्ना ने पहले अनशन किया तो लोकपाल बिल सदन मे लाने को तैयार हुए सरकार .......परन्तु ........सरकार ने लोकपाल कि जगह जोकपाल बिल तैयार कर दिया जिस में बिल्कुल भी दम नही था........अन्ना ने १६ अगस्त को अनशन करने की अपील की और दिल्ली पुलिस से जंतरमंतर पर अनशन करने कि अनुमति मांगी जो कि मिली नहीं ....बहुत कहने पर ............पुलिस ने जे पी पार्क मे शर्तों कब साथ अनुमति भी दे दी ...जब अन्ना १६ अगस्त को अनशन के लिए जाने को तैयार हो ही रहे थे कि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ............गृहमंत्री जी से पूछने पर कहते हैं मुझे नहीं पता पुलिस का काम हैं ..............इस तरह के वयान देना का क्या मतलब हैं ............
मैं मुख्य बिंदु पर आता हूँ ............अन्ना और जनता चाहती है कि प्रधानमंत्री जी और जजों को भी लोक पाल के दायरे ने होना चाहिए ..........परन्तु सरकार नहीं चाहती..............सरकार का कहना हैं कि लोकपाल तो प्रधानमंत्री से भी बड़ा हो जायेगा .................मुझे एक बात बताएये जब किसी न्यायधीश कि जाँच होती हैं तो DSP label का अधिकारी करता हैं क्या वो उस के सर पर चढ़ जाता है .....अपनी जाँच पूरी कर के कोर्ट मे प्रस्तुत कर देता है|.............यंहां भी तो लोकपाल सिर्फ जाँच ही तो करेगा ..फैसला तो कोर्ट को ही करना है......फिर कठिनाई क्या हैं...........
आज हमारा देश भ्रष्टाचार मे बहुत आगे निकल चूका है .............इसे रोकने को कोई भी हल नहीं दिख रहा है..........अन्ना ने लोकपाल को सदन में लाने कि कोशिश कर रहे हैं आज हमारा देश में जो मुख्य समस्या है मंहगाई......बेरोगारी.........इन सब कि जड भष्ट्राचार ही है ...........जब तक हम भष्टाचार पर लगाम नहीं लगाएंगे जब तक कुछ भी हाशिल होना मुश्किल है...................
अगर अन्ना का लोकपाल बिल पास होता है तो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ भ्रष्टाचार पर लगाम लग जायेगी और हमारा देश सबसे विकसित शक्तिशाली...........होगा
मैं अन्ना को support कर रहा हूँ ...........क्या आप भी support करोगे ?????
वन्देमातरम वन्देमातरम वन्देमातरम वन्देमातरम
वन्देमातरम वन्देमातरम वन्देमातरम
भारत मात की जय
आजादी के बाद सबसे बड़ी लड़ाई जो लड़ रहे हैं और वो भी गांधी जी के पग चिन्हों पर | अन्ना ने पहले अनशन किया तो लोकपाल बिल सदन मे लाने को तैयार हुए सरकार .......परन्तु ........सरकार ने लोकपाल कि जगह जोकपाल बिल तैयार कर दिया जिस में बिल्कुल भी दम नही था........अन्ना ने १६ अगस्त को अनशन करने की अपील की और दिल्ली पुलिस से जंतरमंतर पर अनशन करने कि अनुमति मांगी जो कि मिली नहीं ....बहुत कहने पर ............पुलिस ने जे पी पार्क मे शर्तों कब साथ अनुमति भी दे दी ...जब अन्ना १६ अगस्त को अनशन के लिए जाने को तैयार हो ही रहे थे कि पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया ............गृहमंत्री जी से पूछने पर कहते हैं मुझे नहीं पता पुलिस का काम हैं ..............इस तरह के वयान देना का क्या मतलब हैं ............
मैं मुख्य बिंदु पर आता हूँ ............अन्ना और जनता चाहती है कि प्रधानमंत्री जी और जजों को भी लोक पाल के दायरे ने होना चाहिए ..........परन्तु सरकार नहीं चाहती..............सरकार का कहना हैं कि लोकपाल तो प्रधानमंत्री से भी बड़ा हो जायेगा .................मुझे एक बात बताएये जब किसी न्यायधीश कि जाँच होती हैं तो DSP label का अधिकारी करता हैं क्या वो उस के सर पर चढ़ जाता है .....अपनी जाँच पूरी कर के कोर्ट मे प्रस्तुत कर देता है|.............यंहां भी तो लोकपाल सिर्फ जाँच ही तो करेगा ..फैसला तो कोर्ट को ही करना है......फिर कठिनाई क्या हैं...........
आज हमारा देश भ्रष्टाचार मे बहुत आगे निकल चूका है .............इसे रोकने को कोई भी हल नहीं दिख रहा है..........अन्ना ने लोकपाल को सदन में लाने कि कोशिश कर रहे हैं आज हमारा देश में जो मुख्य समस्या है मंहगाई......बेरोगारी.........इन सब कि जड भष्ट्राचार ही है ...........जब तक हम भष्टाचार पर लगाम नहीं लगाएंगे जब तक कुछ भी हाशिल होना मुश्किल है...................
अगर अन्ना का लोकपाल बिल पास होता है तो मैं दावे के साथ कह सकता हूँ भ्रष्टाचार पर लगाम लग जायेगी और हमारा देश सबसे विकसित शक्तिशाली...........होगा
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वन्देमातरम वन्देमातरम वन्देमातरम वन्देमातरम
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भारत मात की जय