Thursday, July 14, 2011

देश की क्या स्थिति हो गयी है ...................................................भष्टाचार के बाद आतंकबादियों की तरफदारी की जा रही है.


देश की क्या स्थिति हो गयी है भष्टाचार के बाद आतंकबादियों की तरफदारी की जा रही है.
राहुल गांधी जिसे देश का प्रधानमंत्री बनाने की सोच रही है सोनिया गाँधी ...........वाही बोल रहा है आतंकवाद को नहीं रोक सकते हम ...........ये बात से अंदाजा लगाया जा सकता है की आतंकवादीओं को मदत मिल रही है |
 26/11 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की सुरक्षा पर अब तक 31 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है.
मुंबई में फिर से बमब्लास्ट  हो गया ..........लोग मर गए सैंकडों घायल हो गए ...................और  राहुल गाँधी बकवास कर रहा है |

राहुल गाँधी ने कहा की आतंकी घटनाओं को हम नहीं रोक सकते .......१-२ घटनाएँ तो हो ही जाती है 
ये बात कहने से पहले शोचा तक नहीं कि क्या फर्क पडेगा जनता पर ????????

जिसे देश का प्रधानमंत्री बनाने कि सोच रही है कांग्रेश  ........ईसी तरह से रक्षा करेगा जनता कि एक तरफ किशानों का मशीहा बन कर उ० प० मैं पद यात्रा निकली 
वहाँ पर भी के महिलाओं बुजर्गो ने महंगाई है कि बात भी  बात कही तो चप्पी साध गये

कुछ नहीं ये सब नोटंकी उ० प्र० के चुनाब के लिए किया गया .....ये बात कह कर साबित कर दिया कि ये भ्रष्ट ही नहीं बल्कि देश हित के बारे मैं सोचते नहीं है .......ये तो अपने बारे मैं सोचते है............
किशानों को छूट देने कि बजाय विदेशी कंपनीओं को सब्सिटी दी जा रही है ............पेट्रोल डीजल महँगा क्यूँ न करना पड़े जनता जाये भाड में हमको (कांग्रेश ) को क्या????
एसी सरकार कि तो तू तू ..........तू तू .............तू तू तू 



जेल में बंद आतंकी मेहमाननवाजी़ का लुत्फ उठा रहे हैं, जनता उनके किए की सजा भुगत रही है.
जिन आतंकियों ने देश में दिल दहला देने वाले धमाके किए, बेकसूर लोगों की जान ली, वे भारतीय जेलों में बंद सजा का इंतजार कर रहे हैं और  बाहर बैठे उनके साथी उन्हें जेल से छुड़वाने कोशिश और जगह-जगह धमाके करवाकर बदला लेने का प्रयास कर रहे हैं.
खास बात तो यह है कि सरकार इन्हें पालने में अब तक अरबों रुपये खर्च कर चुकी हैं और नतीजा ठाक के तीन पात ही है. इतना ही नहीं इसके बदले देश की जनता को आतंकी अंजाम भुगतने पड़ रहे हैं. ऐसे एक नहीं कई आतंकी हैं जो सरकार मेहमान बने हुए हैं.
संसद पर हमले का दोषी अफजल गुरू
इन आतंकियों सबसे पहले नाम आता संसद पर हमले का दोषी अफजल गुरू का. यह आज भी जेल में है. अभी भी वह फांसी का इंतजार कर रहा है. इसकी दया याचिका 2005 से लंबित है. आलम यह है कि जिस दिन अफजल की दया याचिका राष्ट्रपति सचिवालय पहुंची, उसे तत्काल गृह मंत्रालय भेज दिया गया.
वहां से उसे दिल्ली सरकार को भेज दिया गया और डेढ़-दो सालों तक दिल्ली सरकार ने इस संबंध में एक बैठक तक नहीं की. बाद में जब यह बात सामने आई, तब आनन-फानन में दिल्ली सरकार ने फाइल आगे बढ़ाई. इसके नाम पर राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं.
अफजल गुरू पर सरकार के कितने पैस खर्च हुए इसका कोई सरकारी आंकड़ा मौजूद नहीं है. पर अनुमान है कि तिहाड़ जेल में बंद इस शाही आतंकी पर कई लाख खर्च हो चुके हैं.

आतंकी कसाब
कसाब को हत्या, देश के खिलाफ जंग छेड़ना, हत्या में सहयोग देने और गैर कानूनी गतिविधि अधिनियम के तहत आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई. लेकिन अभी तक फांसी नहीं दी गई है.

कसाब पर अब तक 31 करोड़ फूंके
महाराष्ट्र सरकार 26/11 को मुंबई पर हुए आतंकवादी हमले में पकड़े गए एकमात्र आतंकवादी अजमल आमिर कसाब की सुरक्षा पर अब तक 31 करोड़ रुपये खर्च कर चुकी है.
कसाब की सुरक्षा पर हर रोज़ करीब 8.5 लाख रुपये खर्च किया जा रहा है. जबकि महाराष्ट्र सरकार प्रदेश के हर नागरिक की सुरक्षा पर एक साल में महज 186 रुपये ही खर्च कर रही है.

अत्याधुनिक हथियारों और संचार उपकरणों से लैस आईटीबीपी के करीब 200 कमांडो 24 घंटे कसाब की सुरक्षा में लगे हैं.

लश्कर ए तैय्यबा का आतंकी मुहम्मद आरिफ
1993 के मुम्बई सीरियल बम कांड में करीब 200 से अधिक निर्दोष लोगों की मौतों के जिम्मेदार और 700 से अधिक लोगों को घायल करने वालों को सजा नहीं हो पाई है.
इस बम कांड के 13 साल बाद कोर्ट का फैसला आया, तो दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर दी जहां अब भी इस केस पर सिर्फ सुनवाई चल रही है.

2002 में अक्षरधाम मंदिर पर हमलावरों को फांसी देने का मामला भी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है.

2005 में दीपावली के मौके पर दिल्ली के बाजारों में खुशियों के बदले मौत बांटने वालों की भी अभी सुनवाई चल रही है.
2006 में मुम्बई लोकल ट्रेनों में विस्फोट करने आतंकियो को सजा मिलने में भी अभी देरी है.